धर्म डेस्क, इंदौर (Akbar Birbal Story)। अकबर और बीरबल के किस्से आज भी प्रासंगिक हैं। दोनों के बीच रोचक संवाद के कई उदाहरण मौजूद हैं। कई बार बादशाह अकबर चतुर और चालाक बीरबल की बुद्धि की परीक्षा लेते थे, तो कभी उनके साथ मजाक करते थे। ऐसा ही एक मजाकिया किस्सा हम यहां लेकर आए हैं।
एक दिन भरे दरबार में बादशाह अकबर ने बीरबल से पूछा कि मेरी हथेली पर कोई बाल क्यों नहीं है? बीरबल समझ गए कि बादशाह आज मजाक के मूड में हैं। बीरबल ने जवाब दिया कि जहांपनाह, आप दोनों हाथों से दान धर्म करते हैं, आपकी हथेलियों से होकर तमाम चीजें गुजरती हैं। यही कारण है कि आपकी हथेलियों पर बाल नहीं हैं।
बादशाह ने इसके जवाब में दूसरा सवाल दागा। उन्होंने बीरबल से पूछा कि अच्छा ये बताओ कि तुम्हारी हथेलियों पर कोई बाल क्यों नहीं हैं?
बीरबल को ऐसे ही सवाल की उम्मीद थी। उन्होंने तपाक से जवाब दिया कि बादशाह आप दान करते हैं और मैं लेता हूं। इस कारण मेरी भी हथेलियों पर कोई बाल नहीं हैं।
बादशाह कहां रुकने वाले थे। उन्होंने बीरबल पर तीसरा सवाल दागा कि जितने भी दरबारी हैं, उनकी हथेलियों पर बाल क्यों नहीं हैं? बीरबल ने जो जवाब दिया, उसके बाद राजा कोई सवाल नहीं पूछ सके।
बीरबल ने कहा कि आप दान देते हैं और मैं लेता हूं। इससे अन्य दरबारियों को ईर्ष्या होती है और वे अपना हाथ मलते हैं। यही कारण है कि उनकी हथेलियों पर भी बाल नहीं है।
बीरबल का जवाब सुन बादशाह अकबर को समझ आ गया कि उन्हें किसी भी तरह के तर्क में हराना आसान नहीं है।