जानिए क्या कहती है शेषनाग पर लेटे भगवान विष्णु की तस्वीर
यह स्वरूप सिखाता है कि हम चाहे कितनी ही जिम्मेदारियों से घिरे हुए हों, अपना धर्य कभी भी नहीं खोना चाहिए।
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Publish Date: Tue, 26 Jun 2018 10:05:36 AM (IST)
Updated Date: Tue, 26 Jun 2018 10:38:59 AM (IST)
मल्टीमीडिया डेस्क। आपने कई मंदिरों और अपने घर में भी भगवान विष्णु की शेष शैय्या पर लेटी हुई तस्वीर या मूर्ति देखी होगी। मगर, क्या आपने कभी इस दर्शन के बारे में सोचा है कि वह क्या कहना चाहते हैं। भगवान विष्णु के ज्यादातर चित्र में शेषनाग के ऊपर आराम से लेटे दिखते हैं और मां लक्ष्मी उनके पैर दबा रही हैं। इसके पीछे बहुत गहरा और गंभीर संदेश छिपा हुआ है।
ब्रह्मा ने इस सृष्टि की रचना की है, लेकिन इसका संचालन का दायित्व विष्णु भगवान पर है। इसलिए वह हमारी हर जरुरत को पूरा करते हैं और धर्म को स्थापित भी करते हैं। जब-जब धरती पर अधर्म बढ़ जाता है, तो वह अवतार लेकर जनमानस का कल्याण भी करते हैं।
भगवान विष्णु शेषनाग की शैय्या पर लेटे हुए हैं, गृहस्थी का जीवनकाल भी ऐसा होता है। शेषनाग के कई फनों की छाया में भगवान विष्णु का चेहरा मुस्कुराता हुआ दिखता है। घर के मुखिया पर कई जिम्मेदारियां होती हैं, लेकिन वह फिर भी उन सभी का दायित्व निभाते हुए मुस्कुराता रहता है।
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यह स्वरूप सिखाता है कि हम चाहे कितनी ही जिम्मेदारियों से घिरे हुए हों, अपना धर्य कभी भी नहीं खोना चाहिए। लक्ष्मी जी भगवान विष्णु के पैरों में है और उनकी सेवा कर रही है। यहां पर दो संदेश दिए गए हैं। पहला, जो व्यक्ति अपनी जिम्मेदारियों का संचालन कुशलता पूर्वक करता है और परिवार को प्रेम के बंधन में बांधे रखता है लक्ष्मी सदा ही उसके पैरों की सेवा में लगी हुई है।
वहीं, इसका दूसरा संदेश है कि हमारे जीवन में परिवार और कर्तव्य का सबसे हैं और लक्ष्मी का स्थान आखिरी है। प्रेम में कभी लालच या मोह नहीं आना चाहिए।
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