Vastu Niyam: सावन का पावन महीना शुरू हो चुका है। इस बार सावन 59 दिनों का होने वाला है। सावन के महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय किए जाते हैं। साथ ही भोलेनाथ की पूजा-अर्चना भी जाती है। माना जाता है कि सावन के महीने में भोलेनाथ भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं। वहीं भगवान शिव की पूजा करते समय कुछ वास्तु नियमों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। भगवान शिव की पूजा में वास्तु से जुड़ी गलतियां कभी नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से शिवजी नाराज हो सकते हैं। साथ ही भक्तों को पूजा का फल भी प्राप्त नहीं होता है। आइए जानते हैं कि वे नियम कौन से हैं।
शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव का निवास स्थान कैलाश पर्वत है, जो कि उत्तर दिशा में माना जाता है। ध्यान रखें कि घर में शिवजी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करते समय इनकी दिशा उत्तर ही होना चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार शिवजी को भोले भंडारी के नाम से जाना गया है। आज के समय में बाजार में शिव जी की कई मूर्तियां और तस्वीरें उपलब्ध है। ऐसे में घर पर कभी भी शिवजी की क्रोधित मुद्रा में कोई मूर्ति न लगाएं। ऐसा करना विनाश का प्रतीक माना जाता है।
शिव जी की पूजा में इस बात का ध्यान रखें कि टूटे हुए चावल, सिंदूर, हल्दी, तुलसी, शंख का जल, केतकी, चंपा, केवड़ा के फूल शिवलिंग और भोलेनाथ पर नहीं चढ़ाने चाहिए। ऐसा करने से भगवान शिव नाराज हो जाते हैं।
आप शादीशुदा हैं, तो अपने घर में शिवजी के परिवार की तस्वीर लगाएं। भगवान शिव के परिवार की तस्वीर में गणेश जी और मां पार्वती दिखाई देती हैं लेकिन कार्तिकेय नहीं। हमेशा ऐसी मूर्ति का चयन करना चाहिए, जिसमें कार्तिकेय मौजूद हो क्योंकि वे भी भगवान शिव के पुत्र हैं। वही तस्वीर लगाएं, जिसमें भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय हो।
भगवान शिव की तस्वीर या मूर्ति घर में स्थापित करें तो इस बात का ध्यान रखें कि साफ-सफाई रहे। मूर्ति या उसके आस-पास गंदगी बिल्कुल भी न हो। ये वास्तु दोष का कारण बनती है।
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