
धर्म डेस्क, इंदौर। हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में दो एकादशी व्रत आते हैं। इस तरह पूरे वर्ष में कुल 24 एकादशी व्रत रखे जाते हैं। एकादशी व्रत पर जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु की पूजा की जाती है। पौराणिक मान्यता है कि एकादशी व्रत पर भगवान विष्णु जी की पूजा करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। वैशाख माह में 4, मई 2024 को वरुथिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, विधि-विधान से इस व्रत को करने से घर में खुशियां बनी रहती है।
हिंदू पंचांग के मुताबिक, वरुथिनी एकादशी पर त्रिपुष्कर योग, इंद्र योग और वैधृति योग निर्मित होंगे। ये सभी योग काफी शुभ माने जाते हैं। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, वरुथिनी एकादशी के दिन त्रिपुष्कर योग सुबह 4.03 बजे शुरू होगा और इस योग का समापन शाम 5.12 बजे होगा। वरुथिनी एकादशी पर पूरे दिन ही इंद्र योग रहेगा। इसके अलावा वैधृति योग सुबह 8.24 बजे से देर रात तक रहेगा।
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एकादशी तिथि को भगवान श्री हरी विष्णु की कृपा पाने के लिए गुड़ और चने की दाल, केला या पंचामृत का भोग लगाना चाहिए। इस भोग को लगाने से घर में देवी अन्नपूर्णा की भी कृपा बनी रहती है। भोग में तुलसी की पत्तियों जरूर डालना चाहिए। साथ ही भगवान विष्णु की पूजा के दौरान ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय, ॐ विष्णवे नमः:’ मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए।
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