Jain Temple: विश्व का पहला ऐसा नवग्रह मंदिर जहां विराजित 24 तीर्थंकर
Jain Temple: वार्षिक महामस्तकाभिषेक की तैयारी शुरू, जुटेंगे पांच हजार समाजजन।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Sat, 11 Feb 2023 09:29:03 AM (IST)
Updated Date: Sat, 11 Feb 2023 09:34:45 AM (IST)
Jain Temple: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। एयरपोर्ट स्थित नवग्रह जिनालय विश्व का ऐसा एकमात्र जैन मंदिर है, जहां 24 तीर्थंकरों विराजित है। यहां मूलनायक भगवान पार्श्वनाथ की 21 फीट ऊंची खड्गासन प्रतिमा में है। 10 हजार वर्गफीट में बने मंदिर का निर्माण सन 2000 में किया गया था।
यहां वार्षिक महामस्तकाभिषेक महोत्सव 12 फरवरी को सुबह 9.30 बजे से होगा। अभिषेक करीब 5 घंटे से अधिक समय चलेगा। महामत्काभिषेक मुनि सिद्धांत सागरजी महाराज के सानिध्य में होगा। दिगंबर जैन समाज सामाजिक संसद व नवग्रह जिनालय के अध्यक्ष नरेंद्र वेद व प्रवक्ता मनीष अजमेरा ने बताया की इस अवसर पर समाज सेवा के क्षेत्र में अपना अतुल्य योगदान देने वाले का सम्मान होगा। सम्मानित होने वाले विनोद डोसी बाकानेर, मनोज बाकलीवाल, मुकेश बाकलीवाल व चिकित्सा जगत में उल्लेखनीय सेवाएं देने वाले डा. सुनील राजन, डा. नेहा अरोरा, डा. एसएस वर्मा , डा. सचिन आर्य डा. प्रणयसिंह, डा. बालराम खनोटिया, डा. मनीष कुंदवानी का सम्मान किया जाएगा।
प्रतिष्ठाचार्य प. नितिन झांझरी के निर्देशन में प्रारंभ में नित नियम पूजन व शांति धारा होगी। संगीतकार पंकज जैन रहेंगे। गिरीश वेद ने बताया कि यह विश्व में पहला ऐसा जिन मंदिर है जो नवग्रहों पर आधारित है। काले पाषाण की 24 तीर्थंकरों की मनोहारी खड्गासन प्रतिमाएं ग्रहों के अनुसार विराजमान की गई है। आचार्य दर्शन सागरजी की प्रेरणा से मंदिर का निर्माण किया गया। गिरीश वेद ने बताया की जिनालय में समय समय पर अतिशय देखने को मिलते हैं। वार्षिक महामस्काभिषेक के आयोजन के अवसर पर मुनिश्री सिद्धांत सागरजी के मंगल प्रवचन होंगे।