Samudra Manthan: देवताओं और असुरों के बीच युद्ध की कई कहानियां पौराणिक ग्रंथों में मिलती है। इन्ही में से एक सबसे प्रचलित कथा समुद्र मंथन की है, जिसे देवताओं और असुरों ने मिलकर अंजाम दिया था। दरअसल महर्षि दुर्वासा के श्राप के कारण स्वर्ग में वैभव, ऐश्वर्य और धन समाप्त हो गया था। इसके बाद देवी-देवता श्री हरि नारायण के पास पहुंचे। तब उन्होंने समुद्र मंथन का उपाय बताया। माना जाता है कि समुद्र मंथन से 14 अमूल्य रत्न निकले और इन रत्नों के स्वरूपों को अगर घर में स्थापित किया जाए तो कभी भी धन ऐश्वर्य की कमी नहीं होती है। आइए जानते हैं कि वे रत्न कौन से हैं।
समुद्र मंथन से निकलने वाले रत्नों में से एक पांचजन्य शंख भी था। ये भगवान विष्णु की तस्वीर में आपको उनके हाथों में नजर आ जाएगा। इसे घर के मंदिर में रखना बहुत ही शुभ माना जाता है।
हिंदू मान्यताओं में पारिजात के वृक्ष को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ये वृक्ष समुद्र मंथन से ही निकला था। भगवान के मंदिर में पारिजात के फूल चढ़ाना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि पारिजात की सुगंध सफलता और संपन्नता के मार्ग खोलती है।
श्रवा घोड़ा आसमान में उड़ता था। इसे असुरों के राजा बलि को दिया गया था। समुद्र के मंथन से निकले इस सफेद घोड़े की तस्वीर घर में लगाने से नेगेटिव एनर्जी दूर होती है।
समुद्र मंथन से जो भी कीमती चीजें आखिर में बाहर आई थी, उसमें अमृत कलश भी था। इसे भगवान धन्वंतरि बाहर लेकर आए थे। इसी को लेकर देवताओं और असुरों में विवाद खड़ा हो गया था। उसी समय मांगलिक और शुभ कार्यों में अमृत कलश को स्थापित करने की परंपरा है। जिस मकान में अमृत कलश होता है, वहां से हर कष्ट दूर होता है। इससे आरोग्य की कृपा भी मिलती है।
ऐरावत हाथी देवताओं के राजा इंद्र का वाहन माना जाता है। समुद्र मंथन से निकला ऐरावत हाथी सफेद रंग का था। ये उड़ भी सकता था। अगर किसी घर में क्रिस्टल या सफेद पत्थर का हाथी रखा जाता है तो वहां सुख-समृद्धि आती है।
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