Premanand Maharaj: ‘आपने मुझ पर कौन-सा भूत छोड़ दिया’... प्रेमानंद महाराज पर उनके ही भक्त ने लगाया आरोप
प्रेमानंद महाराज से भक्त ने कहा कि पहले मैं क्लब जाता था, लेकिन अब क्लब जाने की सोचता हूं, तो ही भय लगने लगता है। जब से आपको सुना है, चैन से जी नहीं पा रहा हूं। आपने जिन-जिन कामों के लिए मना किया है, वो नहीं करना ही दिमाग में घूमता रहता है।
By Arvind Dubey
Publish Date: Fri, 20 Sep 2024 09:00:00 AM (IST)
Updated Date: Sat, 21 Sep 2024 07:03:43 AM (IST)
पढ़िए किस्सा जब एक शराबी दे गया प्रेमानंद महाराज को ज्ञान। HighLights
- प्रेमानंद के प्रवचनों से सत्मार्ग पर चल रहे लोग
- भक्त के अनुभव सुनाते-सुनाते हंस पड़ महाराज
- बोले- मुझे सुन लोगे, तो अच्छाई का भूत चढ़ जाएगा
धर्म डेस्क, इंदौर (Premanand Maharaj)। वर्तमान में वृंदावन वास कर रहे धर्म गुरु प्रेमानंद महाराज की बातें लाखों लोगों को प्रभावित कर रही हैं। महाराज के प्रवचन सुनकर लोग बुराइयां छोड़कर रहे हैं और सत्कर्म की राह पर चल रहा है।
ऐसे ही एक भक्त का किस्सा स्वयं प्रेमानंद महाराज ने अपने प्रवचन के दौरान सुनाया। महाराज की बातें सुनने के बाद उस भक्त ने बुराई का मार्ग छोड़ दिया था।
इसके बाद भक्त ने अपनी स्थिति का वर्णन जिस प्रकार से किया, उसे सुनाते हुए प्रेमानंद महाराज भी हंसी नहीं रोक सके।
‘शराब के ठेके पर गया, तो देखा वहां आप खड़े हो’
- प्रेमानंद महाराज ने बताया, ‘दूसरी बार जब भक्त मिला, तो कहने लगा कि महाराज जी, आपके पास कोई भूत है क्या? आपने मेरे पीछे कौन-सा भूत छोड़ दिया है?’
- ‘जहां जाता हूं, आप ही आप नजर आते हो। कोई भी बुरा काम करने का मन करता है तो आपकी कही बातें ध्यान में आ जाती हैं और मैं पीछे हटने को मजबूर हो जाता हूं।’
- बकौल प्रेमानंद महाराज, ‘एक अन्य भक्त कहता है कि मैं बड़ी हिम्मत करके एक दिन शराब के ठेके पर गया, वहां देखा कि आप खड़े हो, तो उल्टे पैर लौट आया।’
भूत चढ़ जाएगा, पक्का चढ़ जाएगा: प्रेमानंद महाराज
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि कोई भी व्यक्ति भले ही मनोरंजन के लिए हमारी बात सुन ले। भले ही हमारी बात न माने, लेकिन सिर्फ सुन ले, हमारा दावा है कि भूत चढ़ जाएगा, पक्का चढ़ जाएगा। अच्छाई के मार्ग पर चलने का भूत चढ़ जाएगा।
शराबी ने दिया ज्ञान, कभी टूटना नहीं
इसी तरह, प्रेमानंद महाराज ने अपना एक किस्सा सुनाया जब एक शराब उनको ज्ञान की बात सुना गया। महाराज ने बताया कि एक दिन वे गंगा किनारे बैठे थे, तभी एक व्यक्ति उनके पास आया।
मुंह से आ रही बदबू से महाराज को पता चला कि उनसे शराब पी है। शराब ने महाराज को अपने साथ आने का इशारा किया और एक मंदिर में ले गया। शराबी ने कहा कि उस मूर्ति की तरफ देखे। कैसे उस संगमरमर तो तराशा गया है। वह पत्थर टूटा नहीं, और हमारे पैरों में जो संगमरमर रखा है, वो टूट गया। इसलिए जीवन में कभी टूटा नहीं है।