धर्म डेस्क, इंदौर (Premanand Maharaj)। इन दिनों लोगों में ओवरथिंक की समस्या काफी बढ़ गई है। ओवर थिंकिंग का अर्थ है कि किसी भी बात के बारे में बेवजह लंबे समय तक सोचना। कई बार डर के कारण भी ओवर थिंकिंग होने लगती है। इसके अलावा चिंता, तनाव, कंफ्यूजन, इनसिक्योरिटी या कुछ भी उलझन भरी स्थिति होने पर भी ओवर थिंकिंग की समस्या बनती है।
ओवर थिंकिंग से मानसिक स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचता है और व्यक्ति तनाव से गुजरता है। प्रसिद्ध कथावाचक प्रेमानंद महाराज ने अपने प्रवचन में ओवर थिंकिंग से बचने के तरीके बताए हैं।
प्रेमानंद महाराज ने बताया कि आज व्यक्ति सबसे ज्यादा ओवर थिंकिंग से परेशान है। कल, परसों और आगे क्या होगा इसको लेकर वह परेशान है। प्रेमानंद महराज के अनुसार, जब भी ओवर थिंकिंग होने लगे तब आप नामजप करें, शास्त्रों का अध्ययन करें और माता-पिता की सेवा करें। प्रेमानंद महाराज के अनुसार, ऐसा करने से आप प्रसन्न रहने लगोगे।
ओवर थिंकिंग से गंजेपन और एलोपेसिया नाम की हार्मोनल प्रॉब्लम होती है। साथ ही सीने में दर्द, चक्कर आना जैसे लक्षण भी दिखने लगते हैं। ओवरथिंकिंग से मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है, जिससे व्यक्ति डिप्रेशन में भी जा सकता है और शराब या ड्रग्स की लत भी लग सकती है।
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