धर्म डेस्क, इंदौर (Premanand Maharaj)। सनातन धर्म में चरित्र का विशेष महत्व बताया गया है। मानव जीवन में अपनाएं चरित्र के अनुसार मनुष्य को मृत्यु के बाद फल भोगने पड़ते हैं। चरित्र में रिश्तों की मर्यादाओं का भी ध्यान रखना जरूरी होती है।
हिंदू मान्यता के अनुसार, ऐसा न करने पर मृत्यु के बाद इसके लिए अलग-अलग सजा का प्रावधान किया गया है। इन नियमों को लेकर समय-समय पर कई कथावाचकों ने अपने मत भी दिए हैं। इसी कड़ी में आपको प्रेमानंद महाराज का मत भी सुनाते हैं।
प्रेमानंद महाराज ने शादी के बाद के चरित्र पर ध्यान देने की बात कही है और ऐसा न करने पर नरक में क्या सजा मिलती है, इसके बारे में भी बताया है।
प्रेमानंद महाराज ने एक कथा के दौरान बताया कि जो पुरुष अपनी पत्नी को छोड़कर किसी अन्य महिला की ओर देखता है, या कोई महिला अपने पति को छोड़कर किसी अन्य पुरुष से प्रेम करती है, ताे ऐसे पुरुष और महिला को नर्क में शुद्ध किया जाता है।
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, इसे रौरव नर्क कहा जाता है। रौरव का बड़ा भयानक स्वरूप है। रौरव नरक की लम्बाई-चौड़ाई 2000 योजन है। यह 24 हजार किलोमीटर लंबा है। इस नर्क में अंगार रास बिछी हुई है।
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि जो पुरुष और महिला अपने पति-पत्नी को धोखा देते हैं, उन्हें इसी अंगार रास पर दौड़ाया जाता है। यहां वे आग में जलते हैं। ऐसे लोगों को सहस्रों वर्षों तक दौड़ना पड़ता है।
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