Mahabharat धर्म डेस्क, इंदौर। महाभारत में कई संवाद मिलते हैं, जो हिंदू धर्म से संबंधित कई जानकारियां भी देते हैं। भगवान हनुमान और भीम के बीच भी महाभारत में कई संवाद हुए हैं। इसमें भगवान हनुमान ने भीम को भगवान विष्णु का वर्ण बदलने का कारण बताया है। इस संवाद के अनुसार अब तक भगवान विष्णु का वर्ण चार बार बदल चुका है।
महाभारत में भगवान हनुमान ने युगों के अनुसार भगवान विष्णु के वर्ण बदलने का उल्लेख किया है। इसके अनुसार जैसे-जैसे युग बदले हैं, वैसे-वैसे श्रीहरि के वर्ण का रंग भी बदला है।
महाभारत के अनुसार, सतयुग में भगवान नारायण का वर्ण शुक्ल था। इस युग में कहीं लड़ाई-झगड़ा, भय, संताप और ईर्ष्या नहीं थी। चारों वर्ण ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र शुभ लक्षणों से सम्पन्न थे।
इस युग में धर्म के एक चरण का ह्रास हो गया था, धर्म सिकुड़ने लगा था। इसके चलते भगवान विष्णु का वर्ण बदलकर लाल हो गया। हालांकि, इस युग में यज्ञ-अनुष्ठान शुरू हो चुके थे।
द्वापर युग में धर्म के एक और चरण का ह्रास हो गया और केवल इसके दो ही चरण रह गए। इस युग में अधर्म का भी बोलबाला शुरू हो गया और किसी को दो तो किसी को केवल तीन वेदों का ही ज्ञान रहा। इस युग में भगवान विष्णु का वर्ण पीला हो गया।
महाभारत के अनुसार कलयुग में भगवान विष्णु का वर्ण काला हो गया और धर्म का एक ही चरण शेष रह गया। साथ ही वैदिक सदाचार, धर्म तथा यज्ञ-कर्म भी नष्ट हो गए।
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