धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Hindu Rituals: सनातन धर्म में अक्सर माता-पिता और बड़े-बुजुर्गों के पैर छूने का चलन है। यह परंपरा सदियों पुरानी है। इस प्रचलन के जरिए बड़ों को सम्मान देने की परंपरा है। हमारे पौराणिक शास्त्रों में इसका वर्णन बताया गया है कि किन लोगों के पैर नहीं छू सकते हैं और किन से पैर नहीं छुलवा सकते हैं। अगर, आप गलत लोगों के पैर छू लेते हैं, तो आप को जीवन में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इस विषय के बारे में विस्तार से जानते हैं।
ऐसा कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति पूजा पाठ में ध्यान कर रहा है तो उसके पैर नहीं छूना चाहिए और इस चीज को अनदेखा करना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से पूजा में बाधा आती है जो कि अशुभ माना जाता है। एक मान्यता के अनुसार मंदिर में भी किसी के पैर छूना सही नहीं माना जाता। कहा जाता है कि मंदिर भगवान का स्थान होता है तो अगर आप पैर छूते है तो इस कारण मंदिर की पवित्रता भंग होती है।
सनातन धर्म में बेटियों को देवी का स्थान दिया गया है। तो ऐसे में बेटियों को गलती से पैर लग जाना अपशगुन होता है। गौरतलब है कि बेटियों से ना ही अपने पैर छुलवाने चाहिए। क्योंकि ऐसा होने पर आप पाप के भागीदार बन जाते है। मान्यताओं के अनुसार आप अपने मानदान से पैर नहीं छुलवा सकते है। मामा-मामी अपने भांजा भांजीयों से चरण स्पर्श नहीं करवा सकते है।
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