भगवान महावीर का निर्वाणकाल ( जन्म) 527 ई.पू. है। सन् 1974-75 ई. में भगवान महावीर की 2500वीं निर्वाण शती मनाई गई थी। भगवान महावीर को वर्धमान, आदिनाथ, अर्हत, जिन, निर्ग्रथ, अतिवीर आदि नामों से भी जाना जाता है।
भगवान महावीर की मां का नाम त्रिशला देवी और पिता का नाम सिद्धार्थ था। वह ज्ञातृ वंशीय क्षत्रिए थे। उनका गोत्र काश्यप था। सिंह राशि में जन्मे महावीर का वर्ण सुवर्ण था। जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी कार्तिक अमावस्या को दीपावली के दिन बिहारशरीफ से 8 किमी दक्षिण-पूर्व पावापुरी में निर्वाण ( मृत्यु) को प्राप्त हुए थे।
कल्पसूत्र के अनुसार, भगवान महावीर 72 वर्ष जीवित रहे। उत्तर पुराण के अनुसार, 72वें वर्ष में कुछ माह तक ही वह जीवित रहे। इस दृष्टि से देखा जाए तो जन्मकाल 527+72= 599 ई. पू. हुआ। भगवान महावीर का 2600 वां जन्म कल्याण महोत्सव वर्ष 2001 ई. यानी 2001+599= 2600 में मनाया जाएगा।
कल्पसूत्र, निर्वाण भक्ति और उत्तर पुराण आदि रचनाओं में भगवान महावीर की जन्मतिथि चैत्र शुक्ल त्रयोदशी की रात्रि में हुआ था। जिसका उल्लेख इन जैन धर्मग्रंथो में मिलता है।
जब महावीर का जन्म हुआ तब चंद्रमा उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र का उपयोग कर रहा था। आधुनिक काल गणना के अनुसार भगवान महावीर का जन्म 27 मार्च, सोमवार 598 ई.पू. माना जाता है।
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आधुनिक इतिहासकारों और जैन विद्वानों ने भी प्रचीन जैन शास्त्रों का गहन अध्ययन कर स्पष्ट किया कि भगवान महावीर का जन्म नालंदा से पश्चिम में दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित कुंडलपुर अथवा बिहार के मुंगेर जिले में लछुवाड़ गांव से दक्षिण में नदी किनारे क्षत्रिए कुंड में हुआ होगा। ये दोनों ही स्थान भगवान महावीर के समय स्थित मगध राज्य की सीमा के अंतर्गत आते हैं।