Garuda Puran: अक्सर देखा जाता है कि हम अपने करीबी लोगों और रिश्तेदारों को अपने घर खाने पर बुलाते हैं। हिंदू धर्म में अतिथि को आमंत्रित कर उनका आदर-सत्कार करना जीवनशैली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है। धर्म-शास्त्रों में भोजन को लेकर कई नियम बताए गए हैं। इन नियमों में भोजन पकाने से लेकर ग्रहण करने तक के नियम शामिल हैं। साथ ही ये भी बताया गया है कि कैसा भोजन करना और किसके यहां भोजन करना उचित है। गरुड़ पुराण के अनुसार, कुछ जगहों पर भोजन करना वर्जित होता है। कुछ लोगों के घर भोजन करना आपको पाप का भागीदार बनाता है। इससे व्यक्ति की बुद्धि भ्रष्ट हो जाती है।
गरुड़ पुराण में कुछ लोगों के घर भोजन नहीं करने के बारे में बताया गया है, क्योंकि भोजन में जो ऊर्जा होती है, उसका असर सीधे हमारे शरीर और मस्तिष्क पर पड़ता है। नकारात्मक सोच के साथ बनाया गया भोजन कभी नहीं खाना चाहिए। साथ ही नकारात्मक माहौल में बैठकर भी कभी भोजन न करें।
कभी भी किसी चोर या अपराधी के घर पर भोजन न करें। गलत तरीके से अर्जित किए गए धन से बनाए गए खाने को ग्रहण करने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में उस व्यक्ति के किए गए पापों का बुरा प्रभाव आप पर पड़ता है। ऐसा भोजन आपकी बुद्धि भ्रष्ट कर सकता है।
हिंदू धर्म में किन्नरों को दान देना काफी शुभ माना जाता है, लेकिन उनके घर कभी भी भोजन करना या फिर कुछ भी खाना नहीं चाहिए।
कभी भी किसी क्रोधी व्यक्ति के घर भोजन न करें। ऐसे स्वभाव के कारण उस घर का माहौल नकारात्मक रहता है, जिसका असर आप पर और भोजन पर पड़ता है। ऐसे व्यक्ति की संगति से भी बचना चाहिए।
कभी भी ऐसे स्थान पर भोजन नहीं करना चाहिए, जहां गंदगी हो या फिर किसी तरह का संक्रमण फैलने का खतरा हो। हाॅस्पिटल या गंभीर रोगी के आसपास की जगह पर भोजन नहीं करना चाहिए।
ऐसे लोगों के घर कभी भी भोजन न करें, जो नशे के कारोबार से जुड़े हों। ऐसे लोग दूसरों के परिवार को संकट में लाकर धन अर्जित करते हैं, जिसके कारण नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे लोगों के घर का पानी पीना भी वर्जित माना जाता है।
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