Dussehra 2022: राक्षसों का राजा रावण परम विद्वान और शक्तिशाली था। उसके डर के कारण देवता भी कांपते थे। रावण जब विश्व विजय करने के लिए निकला था तो उसका सामना अनेर महारथी राजाओं और देवताओं से हुआ था। रावण ने किसी से भी हार नहीं मानी और अपने पराक्रम के बल पर हर युद्ध जीता। स्वर्ग के देवता भी उसके सामने नहीं टिक पाए थे। वहीं रावण का सामना यमराज से हुआ था। आज हम आपको बताएंगे कि जब रावण का सामना यमराज से हुआ था तो कौन-कौन से योद्धा थे जिन्होंने रावण का सामना किया था और उसे हराया था।
रावण जब विश्व विजय करने निकला था तो सबसे पहले उसने धरती के सभी योद्धाओं को हराया। इसके बाद रावण ने स्वर्ग लोक पर अधिकार कर लिया। रावण जब यमलोक पहुंचा तो मृत्यु के देवता यमराज और उसके बीच भयानक युद्ध हुआ। तब यमराज ने जैसी ही रावण के प्राण हरने के लिए अपना पाश निकाला वैसे ही ब्रह्मदेव ने उन्हें ऐसा करने से मना कर दिया था। तब ब्रह्मदेव के कहने पर यमराज वहां से चले गए।
वाल्मीकि रामायण के अनुसार रावण को जब पता चला कि वानरों का राजा बालि परम शक्तिशाली है तो वह लड़ने के लिए किष्किंधा पहुंच गया। रावण ने बालि को युद्ध के लिए चुनौती दी। राजा बालि उस समय पूजा कर रहे थे। उन्होंने रावण को अपनी बाजू में दबा लिया और समुद्र की परिक्रमा करने लगे। बहुत कोशिश करने के बाद भी रावण उनकी पकड़ से छूट नहीं पाया। तब रावण ने बालि को अपना मित्र बना लिया।
एक बार रावण महिष्मति के राजा कार्तवीर्य अर्जुन से युद्ध करने गया। कार्तवीर्य अर्जुन की एक हजार भुजाएं थी। जिसके कारण उनका नाम सहस्त्रबाहु अर्जुन भी था। नर्मदा नदी के तट पर ही रावण और सहस्त्रबाहु अर्जुन में भयंकर युद्ध हुआ। अंत में सहस्त्रबाहु अर्जुन ने रावण को बंदी बना लिया। बाद में रावण के दादा पुलस्त्य मुनि ने जाकर उसे छुड़वाया।
धर्म ग्रंथों के अनुसार दैत्यराज बलि पाताल लोक के राजा हैं। एक बार रावण राजा बलि से युद्ध करने के लिए पाताल लोक पहुंच गया। वहां पहुंचकर रावण ने बलि को युद्ध के लिए ललकारा, उस समय बलि के महल में खेल रहे बच्चों ने ही रावण को पकड़कर घोड़ों के साथ अस्तबल में बांध दिया था। इस प्रकार राजा बलि के महल में रावण की हार हुई।
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