Brahma Muhurta: ब्रह्म मुहूर्त का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। ब्रह्म का अर्थ ईश्वर और मुहूर्त का अर्थ समय है। अर्थात ब्रह्ममुहूर्त भगवान का समय है। कहा जाता है कि इस मुहूर्त के दौरान शरीर में ऊर्जा और उत्साह का संचार होता है। ऐसा माना जाता है कि ब्रह्म मुहूर्त में देवी-देवता पृथ्वी पर आते हैं।
ब्रह्ममुहूर्त का शुभ समय रात्रि और सूर्योदय के बीच का समय होता है। आमतौर पर ब्रह्ममुहूर्त सुबह 4 से 5.30 बजे के बीच है। इस काल को अत्यंत शुभ काल माना जाता है। ऐसे में ब्रह्ममुहूर्त में उठना बहुत फायदेमंद माना जाता है।
ब्रह्म मुहूर्त में उठने से मन तरोताजा और शांत होता है। यह अवधि ध्यान और मन को शांत करने के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है। जिससे तनाव कम होता है।
ब्रह्म मुहूर्त में व्यक्ति का मन शुद्ध और शांत हो जाता है। जिससे ध्यान और प्रार्थना करना आसान होता है। यह अवधि मन के साथ आत्मा को एक साथ लाने के लिए महत्वपूर्ण है।
ब्रह्म मुहूर्त को सबसे अच्छा समय माना जाता है। जिसमें वात दोष उत्पन्न नहीं होता है। इस समय जागने से शरीर में ऊर्जा का संचय होता है।
ब्रह्म मुहूर्त जीवन का सबसे महत्वपूर्ण और अनमोल समय माना जाता है। यदि आप जाग जाएं और इस समय को विभिन्न सकारात्मक गतिविधियों में लगाएं तो जीवन के अनुभव बेहतर हो सकते हैं।
ब्रह्म मुहूर्त को नए कार्य शुरू करने के लिए अच्छा समय माना जाता है। इस अवधि में जातक का दिमाग तरोताजा रहता है और सोचने की शक्ति अधिक होती है।
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