Astrology News: ज्योतिषाचार्य के अनुसार मेष राशि में बुध ग्रह गोचर कर रहे हैं। 12 अप्रैल से राहु इस राशि में प्रवेश करेगा। इसके बाद 14 अप्रैल को सूर्य भी आ जाएगा। मेष राशि में 3 ग्रह होने से त्रिग्रही योग का निर्माण होगा। राहु और सूर्य देव की युति ग्रहण योग बनाती है। बुध और राहु जड़त्व योग का निर्माण करते हैं। ये अशुभ योग होते हैं।
सूर्य-राहु युति से बनेगा ग्रहण योग
राहु मेष राशि में 12 अप्रैल को प्रवेश कर चुका है। 14 अप्रैल से सूर्य भी इस राशि में गोचर करेगा। ऐसे में राहु और सूर्य की युति से ग्रहण योग का निर्माण होगा। ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण योग को अशुभ माना गया है। जिन जातकों की जन्म कुंडली में ग्रहण योग होता है। उन्हें बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। हर काम में अड़चन आती है। इस योग के कारण 30 अप्रैल को साल का पहला सूर्यग्रहण होगा। हालांकि भारत में ये दिखाई नहीं देगा। 14 मई को सूर्य के वृषभ राशि में प्रवेश करते ही ग्रहण योग समाप्त होगा।
बुध-राहु की युति से जड़त्व योग बनेगा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध और राहु की युति से जड़त्व योग बनेगा। इसे अशुभ योग माना जाता है। ये योग सभी राशियों को प्रभावित करेगा। इस अशुभ योग में सबसे अधिक तकलीफ मेष राशि वालों को होगी। 24 अप्रैल को बुध के राशि परिवर्तन से योग समाप्त हो जाएगा।
बुध-सूर्य की युति से शुभ योग
मेष राशि में बुध और सूर्य एक साथ आने से बुधादित्य योग बनेगा। मेष राशि में ग्रहण और जड़त्व योग होने के कारण बुधादित्य योग का शुभ प्रभाव कम होगा। इन सभी योगों का सबसे अधिक असर मेष राशि के जातकों पर देखने को मिलेगा। वर्ष का पहला सूर्यग्रहण मेष राशि में ही लगेगा। इस राशि वालों को संभलकर रहना होगा।
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