Aghan Month 2022: पंचांग के अनुसार साल का नौवां महीना अगहन का होता है। इसे मार्गशीर्ष मास कहते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार ये मास नवंबर से दिसंबर के बीच में होता है। हिंदू धर्म में इस मास का काफी महत्व है। अगहन मास में शंख की पूजा का विशेष महत्व है। इस बार अगहन मास 9 नवंबर से 8 दिसंबर तक रहेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस महीने में अगर शंख की पूजा की जाए तो श्रीकृष्ण के पांचजन्य शंख की पूजा के बराबर फल मिलता है।
शंख समुद्र से निकला है
धार्मिक कथाओं के अनुसार जब समुद्र मंथन हुआ था। उस समय एक दिव्य शंख निकला। जिससे भगवान विष्णु ने अपने पास रख लिया था। यही पांचजन्य शंख भगवान कृष्ण के पास भी था। विष्णु पुराण के अनुसार माता लक्ष्मी समुद्र की पुत्री हैं। वहीं शंख भी समुद्र से निकला है। इसलिए शंख को देवी का भाई माना गया है। इस कारण शंख पूजनीय है।
शंख बजाने के फायदे
पूजा के दौरान शंख जरूर बजाना चाहिए। इसकी ध्वनि से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। जहां तक इसकी आवाज जाती है, वहां तक नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं। घर में शंख रखकर इसकी पूजा करने से सुख-समृद्धि बनी रहती है। शंख का जल भी पवित्र माना गया है। इसी वजह से आरती के बाद शंख से जल छिड़का जाता है।
फेफड़े मजबूत होते हैं
शंख बजाने का वैज्ञानिक महत्व भी है। शंख बजाने से फेफड़े मजबूत होते हैं। वहीं शंख की तेज ध्वनि से बैक्टीरिया और वायरस भी नष्ट हो जाते हैं। शंख की तेज ध्वनि से एक व्रायब्रेशन होता है। जिसे कारण हानिकारक बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं।
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