सिखों के 7 वें गुरु थे गुरु हर राय
दरअसल गुरु हरगोविंद सिंह के तीन विवाह हुए थे। जिनसे एक पुत्री और पांच पुत्रों का जन्म हुआ।
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Publish Date: Sat, 02 Apr 2016 01:44:54 PM (IST)
Updated Date: Mon, 04 Apr 2016 07:27:30 AM (IST)

गुरू हर राय जिन्हें हर राय भी कहते हैं, सिखों के 7वें गुरु थे। वह आध्यात्मिक व राष्ट्रवादी महापुरुष होने के साथ एक योद्धा भी थे। उनका जन्म पंजाब में हुआ था। इनका विवाह किशन कौर जी के साथ हुआ था।
उनके दो पुत्र गुरु रामराय जी और हरकिशन साहिब जी थे। गुरु हरराय ने मुगल शासक औरंगजेब के भाई दारा शिकोह की विद्रोह में मदद की थी। गुरु हरराय की मृत्यु सन् 1661 ई. में हुई थी।
सिखों के 6वें गुरू हरगोविन्द साहिब जी ने मृत्यु से पहले, अपने पोते हरराय जी को 14 वर्ष की छोटी आयु में 'सप्तम् नानक' के रूप में घोषित किया था।
दरअसल गुरु हरगोविंद सिंह के तीन विवाह हुए थे। जिनसे एक पुत्री और पांच पुत्रों का जन्म हुआ। सबसे बड़े पुत्र का नाम गुरु दित्ता था। एक बार गुरु हरगोविंद सिंह उदासी संत श्रीचंद्र के आश्रम में गए थे।
महात्मा श्रीचंद्र ने उनसे गुरु दित्ता को मांग लिया था। और उन्हें अपने बाद अपनी गद्दी का उत्ताराधिकारी घोषित कर दिया। इन्हीं बाबा गुरु दित्ता की पत्नी निहाल कौर के गर्भ से हरिराय ने जन्म लिया।
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जब गुरु हरगोविंद को इस बात का आभास हो गया कि अब उनका अंतिम समय निकट आने वाला है तो उन्होंने अपने पौत्र को गद्दी सौंप दी। उस समय गुरु हर राय की उम्र बहुत कम थी।
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