Pandit Pradeep Mishra Katha: नईदुनिया प्रतिनिधि, खंडवा। भगवान शिव की नगरी ओंकारेश्वर में रविवार से सात दिवसीय शिव महापुराण कथा की शुरुआत हुई। कथावाचक पंड़ित प्रदीप मिश्रा की कथा श्रवण के लिए विभिन्न जिलों व अन्य प्रदेश से श्रद्धालु यहां आए हैं। पहले ही दिन दो लाख लोगों की क्षमता का पंडाल खचाखच भर गया।
कथा श्रवण के साथ ही श्रद्धालु नर्मदा स्नान और ओंकारेश्वर-ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए पहुंचे। कथा आयोजन ओंकारेश्वर और मोरटक्का के बीच ग्राम थापना में करीब 45 एकड़ मैदान में किया गया है। भीड़ को देखते हुए मोरटक्का- ओंकारेश्वर मुख्य मार्ग को नो व्हीकल जोन घोषित करने के साथ ही कथा स्थल से चार से पांच किलोमीटर दूर वाहन पार्किंग स्थल बना गए हैं। ओंकारेश्वर जाने वाले वाहनों को सनावद से परिवर्तित कर भेजा जा रहा है।
कथाकार पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा में रविवार को शिव भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। कथा श्रवण के लिए दो दिन पूर्व ही सुदूरवर्ती प्रांतों के लाखों शिव भक्त कथा स्थल पर जुटने लगे थे। शनिवार रात ही दो लाख की क्षमता वाला पंडाल भक्तों से खचाखच भर गया था। रविवार को कथा के आरंभ में विधायक सचिन बिरला और विधायक नारायण पटेल ने शाल-श्रीफल भेंट कर पंडितजी का भावभीना अभिनंदन किया।
विधायक बिरला ने निमाड़ क्षेत्र में शिव महापुराण कथा के आयोजन के लिए पंडितजी और सुदूरवर्ती क्षेत्रों से आने वाले शिव भक्तों का आभार माना। कथा आरंभ करने के पूर्व पंडित मिश्रा ने शिव महापुराण का पूजन-अर्चन किया।
उन्होंने कहा कि पुण्य सलिला मां नर्मदा जी के तट पर ओंकारेश्वर में देवताओं और संतों का वास है। हम सब बड़े पुण्यभागी हैं, जो भगवान शिव की कथा के लिए एकत्रित हुए हैं। भगवान ओंकारेश्वर के नाम जप और स्मरण मात्र से सभी बारह ज्योतिर्लिंगों के नाम जप का पुण्य भक्त को मिल जाता है, क्योंकि ओंकार में ही संपूर्ण सृष्टि, समस्त शास्त्र और पंच तत्व समाहित हैं। ओंकार ही सब कुछ है और सर्वव्याप्त पं. मिश्रा ने कहा ओंकार ही सब कुछ है और सर्वव्याप्त है।
शिवपुराण कथा के महात्म्य पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डालते हुए कहा कि जो भक्त पूरे सात दिवस तक शिव कथा का श्रवण मनोयोगपूर्वक और विश्वासपूर्वक करता है, तो निश्चय ही उस भक्त की मनोकामना पूर्ण होगी। त्रिशूलधारी शिव तृष्णा और समस्त विकारों का नाश करते हैं। यदि शिव पर जल चढ़ाने जा रहे अथवा जल चढ़ा कर आ रहे भक्त का भी दर्शन हो जाए तो अनेक पापों का नाश हो जाता है। वह भक्त सदैव आगे बढ़ता जाता है और बड़े पुण्य का भागी होता है।
सारी समस्या का हल एक लोटा जल पं. मिश्रा ने कहा कि सारी समस्या का हल, एक लोटा जल। इसलिए प्रत्येक भक्त को रोजाना विश्वासपूर्वक शिवजी पर जल चढ़ाना चाहिए। पंडितजी ने कथा स्थल के आसपास के निवासियों से बाहर से आने वाले भक्तों की सेवा करने का आव्हान किया और कहा कि शिव भक्तों को पानी पिलाना और उनकी मदद करना भी बड़े पुण्य का कार्य है।
कथा के दौरान पं. मिश्रा द्वारा गाए जाने वाले सुमधुर भजनों पर शिवभक्त भावविभोर होकर नृत्य करते दिखे। संपूर्ण कथास्थल और पंडाल में उपस्थित लाखों शिवभक्त भगवान शिव की भक्ति में सराबोर दिखाई दिए। पंडाल में जगह नहीं मिलने पर हजारों भक्तों ने सड़कों के किनारे पेड़ों के नीचे बैठकर कथा का श्रवण किया।
चार स्थानों पर रोके वाहन, टेम्पों से कथास्थल पहुंचाया उल्लेखनीय है जिले में पहली बार होने वाली पं. मिश्रा की शिव महापुराण कथा के लिए प्रशासन ने सारी व्यवस्थाएं कर रखी हैं। आने वाले भक्तों की संख्या को देखते हुए ट्रैफिक प्लान बनाया गया था। इसके तहत कथास्थल से पहले चार स्थानों पर भक्तों के वाहनों को रोका गया।
इसमें मोरटक्का के पास, ग्राम थापना और इनपुन के बीच, एक ग्राम कोठी पर वाहनों को रोक कर पार्क करवाया गया। यहां से जाने वालों के लिए टेपों की व्यवस्था की गई थी। भक्तों को वाहन खड़े करने के बाद किसी तरह की परेशानी न हो, इसे देखते हुए ओंकारेश्वर, सनावद, बड़वाह क्षेत्र के करीब 200 से अधिक टेपों यहां व्यवस्था में लगे थे। हालांकि से निश्शुल्क व्यवस्था नहीं थी।