सौरभ मिश्रा, इंदौर। विघ्न हरने वाले विघ्नहर्ता के लिए भक्तों के मन में कितनी आस्था है, इसका अंदाजा इस अनूठे वर्ल्ड रिकॉर्ड से लगाया जा सकता है।
इंग्लैंड की संस्था वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड ने इंदौर के प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर को मध्यप्रदेश में ऐसा मंदिर माना है, जहां सबसे ज्यादा श्रद्धालु पहुंचते हैं। इसी अनूठे रिक़ॉर्ड के दम पर इसे इंग्लैंड की वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में जगह मिली है।
जनवरी में 12 लाख से ज्यादा भक्त पहुंचे-
इस मंदिर के रिकॉर्ड में दर्ज आंकड़े भी इस रिकॉर्ड को पुख्ता कर रहे हैं। इस साल नवंबर महीने तक मंदिर में 55 लाख से ज्यादा श्रद्धालु बप्पा के दर्शन कर चुके हैं। अकेले इस साल जनवरी महीने में ही गजानन का आशीर्वाद लेने पहुंचे भक्तों का आंकड़ा बारह लाख के पार था, जिसमें साल के पहले दिन यानि एक जनवरी को पांच लाख से ज्यादा भक्त बप्पा के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंचे थे।
पूरे साल में सबसे ज्यादा भक्त जनवरी में खजराना गणेश के दर्शन के लिए पहुंचे। इस महीने में 12,22,151 भक्त दर्शन करने आए। वहीं फरवरी महीने में ये आंकड़ा कुछ कम तो हुआ, मगर फिर भी तीन लाख 76 हजार से ज्यादा भक्त विघ्नहर्ता का आशीर्वाद लेने पहुंचे। वहीं इस साल मार्च महीने में भक्तों का आंकड़ा 3,76,285 रहा।
वहीं अप्रैल महीने में भक्तों की आस्था बढ़ती दिखी और आंकड़ा साढ़े लाख के पार पहुंच गया। वहीं गणेश चतुर्थी के मौके पर तो भक्तों का सैलाब ही यहां उमड़ पड़ा। इसका अंदाजा मंदिर प्रबंधन के रिकॉर्ड बुक से लगाया जा सकता है।
गणेश चतुर्थी के मौके पर भी उमड़े भक्त-
अगस्त महीने में खजराना गणेश के मंदिर में भक्तों का आंकड़ा आठ लाख के पार पहुंच गया। इस महीने में कुल 8,80,785 भक्त गजानन का आशीर्वाद लेने पहुंचे। वहीं सितंबर में भी ये आंकड़ा पांच लाख के पार रहा।
इस मंदिर में बुधवार के दिन सबसे ज्यादा भक्त पहुंचते हैं। इस दिन मंदिर में सत्तर हजार से ज्यादा श्रद्धालु बप्पा के दर्शन करते हैं। सुबह से लेकर देर रात तक भक्तों का तांता लगा रहता है।
खजराना गणेश की ऐसी है महिमा-
होलकर काल से ही खजराना गणेश मंदिर की बड़ी महिमा है। मंदिर की सेवा में जुटे भट्ट परिवार के पूवर्ज मंगल जी भट्ट को सपने में भगवान गणेश ने दर्शन दिए और इस स्थान पर होने के संकेत दिए। उन्होंने ये जानकारी राजमाता अहिल्यादेवी होलकर को बताई। तब उन्होंने, जहां आज मंदिर है, वहां खुदाई कराई तो भगवान गणेश की ये चमत्कारी मूर्ति निकली।
शुरू में राजमाता अहिल्यादेवी गोपाल मंदिर के पास ही गणेश जी की इस प्रतिमा को स्थापित करना चाहती थी। इसके लिए उन्होंने काफी कोशिश भी की, मगर गजानन इस स्थान से हिले ही नहीं, थक-हारकर फिर इस स्थान पर मंदिर निर्माण कराया, जो आज इस भव्य रुप में दिखता है।
-अशोक भट्ट, पुजारी, खजराना गणेश मंदिर