विदेशी नस्ल की गाय के दूध से हो रहा कैंसर, डायबिटीज!
दूध को सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है। दूध से कैंसर और डायबिटीज होने की बात सामने आई है।
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Publish Date: Sun, 27 Mar 2016 09:53:41 PM (IST)
Updated Date: Mon, 28 Mar 2016 07:46:39 AM (IST)
जबलपुर (मध्यप्रदेश)। दूध को सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है। दूध से कैंसर और डायबिटीज होने की बात सामने आई है। विदेशी नस्ल की गाय के दूध से बनने वाले मिल्क पाउडर और डिब्बा बंद दूध लोगों की सेहत पर बुरा असर डाल रहे हैं।
यह दावा है कामधेनु वेटनरी विवि रायपुर के कुलपति यूके मिश्रा का। उन्होंने बताया कि इन दिनों बाजार में दूध की किस्म को दो भाग में बांटा गया है। ए-1 में विदेशी नस्ल की गाय के दूध को रखा है और ए-2 देशी गाय के दूध को। ए-1 दूध का सेवन करने वाले बच्चों में डायबिटीज की शिकायत सामने आई है। ए-2 की मांग बाजार में 100 रुपए तक है।
युवाओं को सबसे ज्यादा नुकसान
ए-1 दूध पर की गई रिसर्च में पता चला कि इसमें बीसीएम मिला होता है। इसमें पोलीन और हिस्ट्रीन की मात्रा का आंकड़ों में अव्यवस्थित है। ए-2 दूध में प्रोटीन तो ज्यादा है ही, साथ ही इस दूध से इंसान के स्वास्थ्य को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। दूध से हो रहे नुकसान की वजह से इंग्लैड, न्यूजीलैंड और अन्य देशों के लोग दूध ही नहीं पीते। वहां की मल्टीनेशनल कंपनियां दूध से पाउडर बनाकर भारत में बेच रही हैं, इसकी बिक्री भी यहां तेजी से हो रही है। सबसे ज्यादा बुरा असर युवाओं पर हो रहा है, वे मेट्रो शहरों में अकेले रहकर नौकरी करते हैं और वे ही इस दूध का ज्यादा उपयोग करते हैं।
बंद करना होगी विदेशी नस्ल की ब्रीडिंग
डॉ.मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में पशुपालकों को विदेशी नस्ल से ज्यादा देशी नस्ल पर ध्यान देना होगा। देशी नस्ल की गाय से ही 3 से 4 लीटर की बजाए 10 से 12 लीटर तक दूध हासिल कर सकते हैं, बशर्ते हमें प्रबंधन और खानपान पर ध्यान देना होगा। बाजार में देशी दूध और घी की डिमांड तेजी से बढ़ी है। यही वजह है कि सरकार और वेटनरी विभाग को विदेशी नस्ल ब्रीड की गाय से ज्यादा देशी नस्ल की ब्रीड पर ध्यान देना होगा।