चीतल और सांभर के सिंग से बताएंगे शाकाहारी जानवरों का जीवन चक्र
खुद ब खुद गिरने वाले चीतल,सांभर के सिंग को अब कानन पेंडारी प्रबंधन आम लोगों के लिए इंटरप्रिटेशन सेंटर में प्रदर्शित करेगा।
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Publish Date: Sun, 17 May 2015 07:38:05 AM (IST)
Updated Date: Sun, 17 May 2015 08:49:04 AM (IST)
बिलासपुर(छत्तीसगढ़)। हर साल खुद ब खुद गिरने वाले चीतल,सांभर के सिंग को अब बिलासपुर का कानन पेंडारी प्रबंधन नष्ट करने के बजाए उसे आम लोगों के लिए इंटरप्रिटेशन सेंटर में प्रदर्शित करेगा। इसके जरिए लोगों को इन शाकाहारी जानवरों के जीवन चक्र की जानकारी दी जाएगी।
कानन पेंडारी में स्थानीय चीतल, सांभर के अलावा मणिपुरी मृग जैसे कई प्रजातियां मौजूद हैं। इन शाकाहारी जानवरो में खास बात यह है कि इनके सिंग हर साल गिर जाते हैं और फिर नए आ जाते हैं। विशेषकर मणिपुरी मृग का सिंग और उसके बाल दोनों झड़ जाते हैं। बंदी अवस्था में होने के कारण कानन पेंडारी प्रशासन इसे संकलित करके सुरक्षित रख देता है।
अब तक ज्यादा सिंग संकलित हो जाने की दशा में उसे नष्ट कर दिया जाता था। अब कानन पेंडारी प्रबंधन जू आने वाले दर्शकों के लिए प्रदर्शन भी करेगा। जिससे लोगों को इन शाकाहारी जानवरों के जीवन चक्र के संदर्भ में जानकारी मिल सकेगी। इसमें विशेषकर मणिपुरी मृग का सिंग सर्वाधिक आकर्षक होता है।
कई शाकाहारी जानवरों के सिंग हर साल झड़ जाते है। जिसे हम आमतौर पर एकत्र करके नष्ट कर देते थे। अब इनमें से कुछ को हम कानन पेंडारी के इंटरप्रिटेशन सेंटर में भी रखेंगे। जिससे लोगों को इन जानवरों के संदर्भ में समझाया जा सके। टीआर जायसवाल, प्रभारी, कानन पेंडारी