भोपाल(मध्यप्रदेश)। वन विभाग ने एशिया के सबसे बड़े जलाशय इंदिरासागर के आसपास के जंगलों से लकडी की चोरी रोकने के लिए 'जल चौकियां' स्थापित करने की कवायद शुरू की है। जल्दी ही मोटर बोट पर तैरती आधा दर्जन जल चौकियां स्थापित हो जाएंगी। इनके जरिए लकडी चोरी करने वालों की धरपकड़ होगी। जल चौकियों का विस्तार बड़वानी तक करने की योजना भी है।
इंदिरासागर(नर्मदासागर) के आसपास अच्छी किस्म का सागौन व अन्य लकड़ियां पाई जाती हैं। इन पर लकडी माफिया की नजर रहती आई है। यहां से लकड़ियों की चोरी के लिए अक्सर रात में नावों का सहारा लिया जाता है। लकडी तस्कर दिन में लकडी काटकर उसे नाव के जरिए सड़क मार्ग के आसपास पहुंचाते हैं,जहां से यह बेचने के लिए शहर तक जाती है। कई बार लकड़ियों को बांधकर तैराते हुए ले जाया जाता है। इस चोरी की रोकथाम के लिए पांच जल चौकी बनाई जा रही हैं। सूत्र बताते हैं कि वन विभाग ने मोटर बोट ली हैं। इन पर प्रशिक्षित वनरक्षकों को तैनात करके सघन गश्त कराने की योजना बनी है।
11 लाख की लकडी पकडी
सूत्रों के मुताबिक प्रयोग के तौर पर कुछ समय पहले दो जल चौकी बनाई गई थी,इसके जरिए विभाग ने 11 लाख रूपए की लकडी चोरी पकडी है। बेहतर परिणाम प्राप्त होने की वजह से अब हरदा- नेमावर से लेकर बड़वानी तक जलाशय में लकडी माफिया पर सख्त अंकुश लगाने की योजना बनी है। वस्तुत: चौकियां पानी के किनारे स्थापित की गई हैं,यहां सशा वनरक्षक कैंप करते हैं और मोटरबोट से जलाशय की पेट्रोलिंग होती है।
'लकडी चोरी पर अंकुुश लगाने के लिए जल-चौकी स्थापित की जाएंगी। मोटरबोट की व्यवस्था की जा रही है। वनरक्षकों को तैराकी आदि का प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा। विभाग की कोशिश होगी कि हर जलाशय में मोटरबोट से नजर रखी जाए। लकडी तस्कर पानी में तैराकर या नाव के जरिए चोरी की लकडी ले जाते रहे हैं। - अतुल श्रीवास्तव,एपीसीसीएफ संरक्षण