मल्टीमीडिया डेस्क। भारत के प्रमुख त्योहारों में दीपावली एक अलग स्थान रखता है। धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा कर उनसे धन-धान्य तथा समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इसके साथ ही दीपावली से जुड़ी एक कहानी यह भी है कि इसी दिन भगवान राम, लंका पर विजय प्राप्त कर अपनी नगरी अयोध्या आए थे। इस खुशी के मौके पर नगरवासियों ने उत्साह स्वरुप पूरे नगर को दीपों से सजाया था। तभी से दीपावली के त्योहार का प्रारंभ माना जाता है।
आज के समय में लोग दीपावली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने के साथ जमकर पटाखे भी छोड़ते हैं। जबकि पटाखे छोड़ना पर्यावरण के हिसाब से तथा लोक स्वास्थ्य के लिए भी नुकसानदेह होता है, लेकिन लोग नहीं मानते। हम आपको बताते हैं कि इस त्योहार को सुरक्षा के साथ तथा परिवार के पूरे आनंद से कैसे मना सकते हैं।
सिंथेटिक कपड़े पहनने से बचें -
दीपावली में बच्चे तथा बडे़ सभी लोग मां लक्ष्मी की पूजा के साथ पटाखे का भी आनंद लेते हैं। घर पर पटाखे जलाना हो तो बड़ो के निगरानी में कॉटन के कपड़ो को ही पहनकर ही उसे जलाऐ। सिंथेटिक कपड़ों को पहनने से बचें।
बच्चों को निर्देश -
दीपावली में पटाखे जलाना बहुत खतरनाक होता है। अत: हमारा सुझाव यह है कि जहां तक हो सके पटाखे से बचें और बच्चों के भी बचाऐं। बच्चों को बड़ो के दिशानिर्देशन में ही पटाखों का प्रयोग करने के बारे में बताएं। अगर बच्चे पटाखों को लेकर लापरवाह हो रहे हैं तो उन्हें इसके हानियों के बारें में जरुर समझाये।
स्थान का चुनाव -
पटाखे जलाते समय स्थान का चुनाव करना बहुत महत्वपूर्ण है। हमेशा खुले स्थान का प्रयास करें। आग लगने पर बंद स्थान ज्यादा घातक हो सकता है। अतः खुले तथा खाली स्थान पर ही पटाखे जलायें।
प्रयोग में आए पटाखों को नष्ट करना -
इस्तेमाल किए पटाखों को सावधानी के साथ नष्ट करें। उसे आप पानी से भरी बाल्टी में डाल सकते हैं या फिर उसे सावधानी से उठाकर बालू से भरी बाल्टी में रख सकते हैं।
मोमबत्तियां और दीपक -
मोमबत्ती तथा दीपक से ही दीपावली में पूरे घर को रोशन किया जाता है। इसलिए दीपावली में दीपक तथा मोमबत्तियों को लगाते समय यह जरुर ध्यान रखें कि आस-पास कोई पर्दा या अन्य ज्वलनशील पदार्थ न हों।
पालतू जानवरों की सुरक्षा -
दीपावली में घर में रह रहें सभी पालतू जानवरों का विशेष ध्यान रखना चाहिए जिससे उन्हें किसी भी प्रकार का कष्ट न हो। होता यह है कि लोग अपने खुशियों को मनाने के चलते घर में रह रहें अन्य पालतू जानवरों का ध्यान रखना भूल जाते हैं। जिससे उन्हें शारीरिक कष्ट होता है।
बड़े-बूढ़ों की चिंता -
दीपावली सुख-समृद्धि तथा खुशियों का त्योहार है। अतः इसे मनाते समय यह जरूर ध्यान दे कि आपके अतिउत्साह से किसी का नुकसान न हो। आस-पास रहने वाले सभी लोग पटाखों की तेज आवाज को सहन नहीं कर पाते। अतः इनका बहुत ध्यान रखें।