नई दिल्ली। संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 30 फीसदी सीटें आरक्षित करने वाला महिला आरक्षण बिल (Women reservation bill) मंगलवार को संसद में पेश कर दिया गया। संसद के नए भवन में लोकसभा की पहली कार्यवाही में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बिल पेश किया। इसे नारी शक्ति वंदन अधिनियम (Nari Shakti Vandan) नाम दिया गया है। अर्जुन राम मेघवाल ने बताया कि कानून पारित हुआ तो संसद में महिला सांसदों की संख्या 181 हो जाएगी।
महिला आरक्षण बिल पर बुधवार को चर्चा होगी। लोकसभा से पास होने के बाद गुरुवार को इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
#WATCH | In the Lok Sabha of the new Parliament building, Union Law Minister Arjun Ram Meghwal tables the Women's Reservation Bill in Lok Sabha. pic.twitter.com/cRQMhbDdzI
— ANI (@ANI) September 19, 2023
महिला आरक्षण बिल, देश की महिलाओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बड़ा गिफ्ट माना जा रहा है। अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि महिलाओं को लोकसभा में 33 फीसदी आरक्षण देने के लिए देश में लोकसभा की सीटें बढ़ाई भी जा सकती हैं।
इस बीच, महिला आरक्षण बिल पर श्रेय लेने की होड़ भी मच गई है। कांग्रेस ने इसे अपना बताया है। मंगलवार को जब सोनिया गांधी संसद पहुंची और मीडिया ने उनसे पूछा तो उन्होंने कहा, महिला आरक्षण बिल अपना है।
यदि महिलाओं को 33 फीसदी कोटा दिया जाता है, तो देश में लोकसभा की 180 सीटें बढ़ाई जा सकती हैं। संसद के नए भवन में ज्यादा सांसदों के बैठने की व्यवस्था है। इसे भी महिला आरक्षण के बहाने लोकसभा सीटें बढ़ाने से जोड़कर देखा जा रहा है।
जिस दिन संसद के नए भवन में सांसदों के बैठने के लिए 750 सीटों की व्यवस्था की गई थी, उसी दिन हम समझ गए थे कि महिला आरक्षण बिल आने वाला है। - रीता बहुगुणा जोशी, भाजपा सांसद
संसद के विशेष सत्र के पहले दिन लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पास करने की मांग उठी। खास बात यह है कि अधिकांश विपक्षी दलों ने ही इसकी पैरवी की।
लोकसभा में संविधान सभा से लेकर अब तक के 75 सालों की संसदीय यात्रा पर चर्चा के दौरान कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों ने महिला आरक्षण विधेयक पारित करने समेत कई मांगें रखीं हैं।
बीआरएस के नमा नागेश्वर राव को भी उम्मीद है कि लंबे अरसे से लंबित महिला आरक्षण विधेयक को नए संसद भवन में पारित कर दिया जाएगा। विपक्षी गठबंधन के कई दलों ने यह मांग रखी है कि लोकसभा और विभिन्न विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटों को आरक्षित कर दिया जाए।
महिला आरक्षण विधेयक में एससी/एसटी, ओबीसी और मुसलमान महिलाओं के लिए अलग से आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए। - एसटी हसन, सपा सांसद
वहीं, लोजपा के चिराग पासवान महिला आरक्षण बिल और राष्ट्रीय न्यायिक आयोग के गठन का समर्थन किया।