Lok Sabha Chunav 2024: संसद के विशेष सत्र को विपक्ष ने बताया चुनावी चाल, अपनाई जाएगी यह रणनीति
विपक्षी नेताओं का कहना है, “अदाणी-हिडनबर्ग विवाद को लेकर भी सरकार घबराई हुई है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना के विधानसभा चुनावों में भाजपा की स्थिति खराब है।
By Arvind Dubey
Edited By: Arvind Dubey
Publish Date: Fri, 01 Sep 2023 07:58:20 AM (IST)
Updated Date: Fri, 01 Sep 2023 07:58:20 AM (IST)
मुंबई में जारी बैठक के बीच हुए संसद के विशेष सत्र का एलान। HighLights
- 18-22 सितंबर तक बुलाया है संसद का विशेष सत्र
- विपक्ष बोला- डर गई है केंद्र सरकार
- जल्द हो सकते हैं चुनाव
नई दिल्ली। विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A. की मुंबई में जारी बैठक से बीच दिल्ली से बड़ी खबर आई कि केंद्र सरकार ने इसी महीने 18 से 22 सितंबर तक 5 दिन का संसद का विशेष सत्र बुलाया है। गुरुवार को जैसे ही यह खबर मुंबई पहुंची, बैठक का माहौल गर्म हो गया। विपक्षी दल इसे जल्द चुनाव कराने की केंद्र सरकार की चाल बता रहे हैं।
संसद के विशेष सत्र पर विपक्षी दलों की टिप्पणी
संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने के बाद से विपक्षी दल अलर्ट मोड में आ गए हैं। सभी का कहना है कि केंद्र सरकार डर गई है। अभी देश में महंगाई, बेरोजगारी और असुरक्षा का भाव है। यही कारण है कि सरकार ने जल्द चुनाव की फिराक में है।
विपक्षी नेताओं का कहना है, “अदाणी-हिडनबर्ग विवाद को लेकर भी सरकार घबराई हुई है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना के विधानसभा चुनावों में भाजपा की स्थिति खराब है। यही कारण है कि अगले लोकसभा चुनाव को जल्द कराने का दांव चलने का प्रयास सरकार की ओर से हो सकता है।”
मुंबई में जारी बैठक के पहले दिन ममता बनर्जी ने संकेत दिए कि देश के सामने वैकल्पिक एजेंडा पेश करने के लिए अगले दो अक्टूबर तक I.N.D.I.A. का चुनाव घोषणापत्र जारी कर देना चाहिए।
भाजपा की जमीन तेजी से दरक रही है। यही कारण है कि केंद्र सरकार सरप्राइज तत्व का दांव खेलने की कोशिश कर रही है। विपक्षी दलों को न केवल ऐसे दांवों को बेदम करने के लिए तत्पर रहने की जरूरत है, बल्कि INDIA को दो कदम आगे की चुनाव तैयारियां करनी चाहिए। - नीतीश कुमार, बिहार के मुख्यमंत्री
- लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में तेजी लाई जाएगी
- सबसे बड़ा मुद्दा सीटों के बंटवारे का है
- इस काम को जितना जल्दी खत्म किया जाएगा, चुनावी तैयारियां उतनी तेजी से आगे बढ़ेंगी
- विपक्ष अब संयुक्त रैलियों की प्लानिंग बनाएगा
- साझा चुनावी घोषणा-पत्र भी जारी किया जा सकता है
- नवरात्र के आसपास ही घोषणा-पत्र आ सकता है।