National flag rules: हर भारतवासी को पता होना चाहिए तिरंगे के सम्मान के ये 11 नियम
National flag rules: तीन रंगों से बना तिरंगा केसरिया, सफेद और हरा ये तीनों रंग देश का प्रतीक हैं।
By Navodit Saktawat
Edited By: Navodit Saktawat
Publish Date: Sat, 14 Aug 2021 04:24:50 PM (IST)
Updated Date: Sat, 14 Aug 2021 04:28:19 PM (IST)
National flag rules: राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के सामने पूरा भारत देश नतमस्तक है, देश का हर नागरिक तिरंगे का दिल से सम्मान करता है। भारत के संविधान में तिरंगे का अपमान करना दंडनीय अपराध माना गया है, जिसे लेकर सजा का भी निर्धारण किया गया है। तीन रंगों से बना तिरंगा केसरिया, सफेद और हरा ये तीनों रंग देश के प्रतीक है, जिसमें केसरिया बलिदान का, सफेद शांति का और हरा रंग हरियाली यानी स्वतंत्रता का प्रतीक है। आज देश में आन-बान-शान के साथ जिस तिरंगे को फहराता है उसे 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था। राष्ट्रीय ध्वज को आंध्रप्रदेश के पिंगली वेंकैया ने बनाया था। भारत की पहचान है तिरंगा, हर भारतवासी का गौरव है तिरंगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि तिरंगे को फहराने का क्या नियम है? अगर नहीं तो चलिए आज हम आपसे कुछ ऐसे ही विषय पर चर्चा करते हैं।
- किसी मंच पर तिरंगे को फहराते समय बोलने वाले का मुंह श्रोताओं की तरफ हो तब तिरंगा हमेशा उसकी दाहनी तरफ होना चाहिए। जो भी तिरंगा फहराने के नियमों का उल्लंघन करता है उसे जेल भी हो सकती है।
- तिरंगा हमेशा काॅटन सिल्क या फिर खादी का होना चाहिए। इसका डिजाइन हमेशा रेक्टेंगल शेप में होना चाहिए। इसके अनुपात की अगर बात करें तो 3ः2 इसे तय किया गया है।
- तिरंगे के बीच में मौजूद अशोक चक्र में 24 तीलियां होनी चाहिए। इसके अलावा झंडे पर कुछ बनाना या लिखना गैर कानूनी होता है।
- तिरंगा कभी भी किसी गाड़ी के पीछे, बोट या फिर प्लेन में नहीं लगाया जा सकता और न ही इसका इस्तेमाल किसी बिल्डिंग को ढकने में किया जा सकता है।
- किसी भी स्थिति में तिरंगा जमीन पर टच नहीं होना चाहिए क्योंकि ऐसा होना तिरंगे का अपमान माना गया है।
- तिरंगे का उपयोग किसी प्रकार की यूनिफोर्म या फिर सजावट के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।
- भारत में बेंगलुरू से 420 किमी स्थित हुबली एक मात्र लाइसेंस प्राप्त संस्थान है, जो झण्डा बनाने का और सप्लाई करने का काम करता है।
- किसी भी अन्य झण्डे को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या फिर उसके बराबर में नहीं रख सकते।
- देश के लिए जान देने वाले शहीदों और देश के महान शख्सियतों को तिरंगे में लपेटा जाता है। इस दौरान केसरिया पट्टी सिर की तरफ रखते हैं।
- शव को जलाने या दफनाने के बाद इसे गोपनीय तरीके से सम्मान के साथ जला दिया जाता है या फिर वजन बांधकर किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है।
- कटे-फटे या फिर रंग उड़े तिरंगे को भी सम्मान के साथ जलाया जाता है या फिर वजन बांधकर किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है।