Law Commission On UCC: लॉ कमीशन ने समान नागरिक संहिता (UCC) के मुद्दे पर सुझाव देने की समय-सीमा बढ़ाने का फैसला किया है। विधि आयोग ने इस आशय का बयान जारी करते हुए बताया कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के मुद्दे पर जनता की जबरदस्त प्रतिक्रिया और अपनी टिप्पणियाँ प्रस्तुत करने के लिए समय के विस्तार के संबंध में विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त कई अनुरोधों को देखते हुए, विधि आयोग ने संबंधित हितधारकों को अपने विचार और सुझाव पेश करने के लिए दो सप्ताह का विस्तार देने का निर्णय लिया है। बता दें कि इस संवेदनशील मुद्दे पर प्रतिक्रिया देने की समय सीमा शुक्रवार (14 जुलाई) को खत्म होने वाली थी।
बता दें कि लॉ कमीशन को इस मामले पर अब तक 50 लाख से भी ज्यादा ऑनलाइन सुझाव मिल चुके हैं। साथ ही इसको लेकर हार्ड कॉपी के जरिए भी सुझाव मिले हैं। माना जा रहा है कि समय सीमा खत्म होते होते इनकी संख्या कहीं ज्यादा हो सकती है। कुछ संगठनों ने यूसीसी पर व्यक्तिगत सुनवाई की मांग करते हुए कानून पैनल से संपर्क किया है। सूत्रों के मुताबिक इस मामले में संगठनों को व्यक्तिगत सुनवाई के लिए आमंत्रित करने पर भी निर्णय लिया जाएगा।
इससे पहले 21वें लॉ कमीशन ने साल 2018 में इस मद्दे की जांच और दो मौकों पर सभी हितधारकों से विचार मांगे थे। इसके बाद अगस्त 2018 में पारिवारिक कानून में सुधार को लेकर एक परामर्श लेटर जारी किया गया था। इसमें कहा गया था कि यूसीसी का मतलब देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून होना है, जो धर्म पर आधारित नहीं है। हालांकि इस परामर्श लेटर को जारी किए हुए तीन साल से अधिक का समय बीत चुका है। इसलिए 22वें विधि आयोग ने इस पर नए सिरे से विचार-विमर्श किया। 14 जून को विधि आयोग ने सार्वजनिक और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों सहित हितधारकों से विचार मांगकर यूसीसी पर एक नई परामर्श प्रक्रिया शुरू की।