उप्र लोकसेवा आयोग में अटकी दो पीसीएस परीक्षाएं
आयोग यदि परीक्षा पैटर्न में बदलाव के आधार पर देरी होने की दुहाई देता है तो उसे पिछले वर्ष पीसीएस परीक्षा का आकलन करना चाहिए।
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Publish Date: Thu, 02 Feb 2017 11:10:58 PM (IST)
Updated Date: Thu, 02 Feb 2017 11:14:46 PM (IST)
इलाहाबाद। उप्र लोकसेवा आयोग के रवैये से सिर्फ पीसीएस 2017 की परीक्षा को लेकर ही असमंजस नहीं है, बल्कि 2016 की परीक्षा भी अब तक अधर में है। आयोग के ढुलमुल रवैये के कारण पिछले वर्ष की परीक्षा का न तो संशोधित रिजल्ट तैयार हो रहा है और न ही हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ आयोग शीर्ष कोर्ट पहुंचा है।
पिछले वर्ष की परीक्षा कब पूरी होगी और इस साल की परीक्षा कब कराई जाएगी? दोनों का वाजिब जवाब नहीं मिल रहा है। प्रदेश की कई अहम परीक्षाओं का पारदर्शी ढंग से आयोजन कराने के लिए उप्र लोकसेवा आयोग का अलग रुतबा रहा है। एक दौर ऐसा भी आया जब यहां बिना किसी की परवाह के नियम कानून बदले गए।
हालांकि उस दौर में भी परीक्षा का आयोजन होता रहा और परिणाम भी घोषित हुए। इधर, स्थिति बिल्कुल बदली है। परीक्षा को लेकर अफसरों की एक राय ही नहीं बन पा रही है। इसीलिए पीसीएस 2017 की प्रारंभिक परीक्षा को लेकर सिर्फ अटकलें लग रही हैं।
आयोग की ओर से जारी कैलेंडर की सबसे खास परीक्षा ही समय पर नहीं हो रही है। ऐसे में अन्य परीक्षाएं कैसे होंगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। आयोग यदि परीक्षा पैटर्न में बदलाव के आधार पर देरी होने की दुहाई देता है तो उसे पिछले वर्ष पीसीएस परीक्षा का आकलन करना चाहिए।
जिस तरह इस बार पीसीएस मुख्य परीक्षा का पैटर्न बदलने का प्रकरण शासन को भेजा गया। ठीक उसी तरह 2016 की परीक्षा में सीसैट को क्वालीफाइंग करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था।
उसका नोटीफिकेशन जनवरी के पहले सप्ताह में होना था, लेकिन दिसंबर 2015 के अंत तक शासन का अनुमोदन नहीं आया था। इस पर आयोग ने यह तय किया कि परीक्षा कराने में विलंब नहीं करेंगे सीसैट पूर्व की भांति लागू रहेगा।