नई दिल्ली। देश में एक सौ स्मार्ट सिटी बनाने की शुरुआत से पहले शहरी विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों के साथ विभिन्न मसलों पर विचार-विमर्श करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया है।
शुक्रवार को होने वाली कार्यशाला में राज्यों को स्मार्ट सिटी की चयन प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी देने के साथ मसौदे को अंतिम रूप दिया जाएगा। इस दौरान राज्यों से नई नीतियों व वित्तीय स्त्रोतों के बारे में चर्चा होगी।
स्मार्ट सिटी परियोजना को तेजी से पूरा करने के लिए सरकार ने कई उपाय किए हैं। शहरी विकास मंत्रालय ने राज्यों के साथ गहन विचार-विमर्श के लिए दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया है।
शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू के निर्देशानुसार राज्यों के साथ उन 10 सूत्रीय मसलों पर राय मशविरा किया जाएगा, जिसके आधार पर स्मार्ट सिटी का चयन किया जाएगा।
स्मार्ट सिटी के लिए शहरों की सूची तैयार करने के लिए चार कार्य समूहों का गठन किया जाएगा जो निर्धारित प्रक्रिया के तहत काम करेगा। प्रतिस्पर्धा के सहारे स्मार्ट सिटी के चयन का फैसला किया गया है ताकि किसी शहर के साथ भेदभाव न हो।
स्मार्ट सिटी बनाने में शहर के पुराने स्वरुप को बचाने की पूरी कोशिश पर जोर दिया जाएगा। शहरी स्थानीय निकायों को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर बनाने के तौर तरीके पर विचार किया जाएगा। शहरों की खूबियों की रेटिंग की जाएगी, जिसके आधार पर म्यूनिसिपल बांड जारी किए जाएंगे। परियोजनाओं पर अमल, वित्तीय संसाधन जुटाने में और फैसला लेने में नागरिकों की सहभागिता को प्रोत्साहित किया जाएगा। कार्यशाला में जवाहरलाल नेहरु नेशनल शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) की समीक्षा की जाएगी।
शहरों की प्राथमिक आर्थिक गतिविधि और रोजगार सृजन चर्चा का विषय होगा। एकीकृत स्मार्ट सिटी मिशन में स्मार्ट सिटी के साथ 500 अन्य शहरों के विकास को भी शामिल किया जाएगा। शहरों की सफाई के लिए स्वच्छ भारत मिशन पर जोर दिया जाएगा।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में 30 जनवरी को स्वच्छ भारत पर डाक टिकट जारी किया जाएगा। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में शहरी विकास मंत्री नायडू के साथ दूरसंचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद और स्वच्छता व पेयजल मंत्री चौधरी बिरेंद्र सिंह शामिल होंगे।