Jammu & Kashmir Independence Day: जम्मू कश्मीर में बदलाव की बयार साफ तौर पर दिखाई दे रही है। कश्मीर घाटी के लोग अब खुले तौर पर खुद को हिन्दुस्तानी कह रहे हैं और तिरंगा फहरा रहे हैं। इसी से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। उत्तरी कश्मीर के सोपोर में हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकी जावेद मट्टू के भाई रईस मट्टू (Rayees Mattoo) ने 14 अगस्त को अपने घर पर तिरंगा फहराया। जावेद हिज्बुल मुजाहिद्दीन का सक्रिय आतंकी है और बीते 11 सालों से पाकिस्तान में सक्रिय है। बता दें कि पिछले कई सालों तक 14 अगस्त को कश्मीर में पाकिस्तान के झंडे लहराते थे। आज हर तरफ तिरंगा दिखने लगा है।
VIDEO | Rayees Mattoo, the brother of Hizbul Mujahideen terrorist Javed Mattoo, waves the national flag at his residence in Jammu and Kashmir’s Sopore ahead of the 77th Independence Day.
“I waved the tricolour from my heart. There was no pressure from anyone," says Rayees… pic.twitter.com/9Lv8wVFCAQ
— Press Trust of India (@PTI_News) August 14, 2023
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में रईस मट्टू ने कहा, "मेरे ऊपर कोई दबाव नहीं है। मैंने दिल से तिरंगा लहराया है। सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा, हम बुलबुले हैं इसकी ये गुलिस्तां हमारा।" इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान चलाने वाले रईस मट्टू ने कहा कि आज कश्मीर में डेवलपमेंट हो रहा है। पहली बार 14 अगस्त को मैं अपनी दुकान पर बैठा हूं। नहीं तो ये हर बार दो-तीन दिनों के लिए बंद होती थी।
#WATCH | Rayees Mattoo says, "I waved the Tiranga from my heart. There was no pressure from anyone...Saare jahaan se achha Hindustan hamara, hum bulbule hain iske ye gulistan hamara. There is development. For the first time I am sitting at my shop on 14th August, it used to be… https://t.co/rWOfMLbTOg pic.twitter.com/hF1yx0P4vI
— ANI (@ANI) August 14, 2023
रईस मट्टू ने बताया कि उनका भाई (जावेद मट्टू) 2009 में आतंकी बन गया था। उन्होंने अपील की कि "अगर मेरा भाई जिंदा है और उस तक मेरी बात पहुंचती है तो मैं यही कहूंगा कि वो वापस आए और एजेंसियों के साथ बात करे। आज वैसे हालात नहीं हैं।" उन्होंने भाई से पाकिस्तान पर भरोसा न करने की अपील करते हुए कहा कि पाकिस्तान खुद बर्बाद मुल्क है, वो हमें क्या देगा। हम हिंदुस्तानी हैं और हिंदुस्तानी रहेंगे।