मल्टीमीडिया डेस्क। देश में कई देवस्थान अपनी विभिन्न मान्यताओं के चलते जाने जाते हैं। सबके अपने महत्व हैं। पूजा-अर्चना के अलावा भी मंदिरों में कुछ ऐसा होता है जिसके चलते उनकी स्वयं अलग पहचान बन जाती है। आइये हम आपको ऐसे ही एक मंदिर के बारे में बताते हैं। यह मंदिर प्रेत बाधा दूर करने व बुरी आत्माओं से बचाव के लिए ख्यात है। इस मंदिर का नाम है मेहंदीपुर बालाजी। यह राजस्थान के दौसा जिले में स्थित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह हिंदू देवता हनुमान को समर्पित है। बालाजी नाम भारत के कई हिस्सों में श्री हनुमान पर लागू किया जाता है क्योंकि भगवान का बाल्य (हिंदी या संस्कृत में बाला) रूप विशेष रूप से वहां मनाया जाता है। यह मंदिर बालाजी (श्री हनुमान जी का दूसरा नाम) को समर्पित है। सामान्य तौर पर धार्मिक स्थलों के विपरीत यह एक कस्बे में स्थित है। कर्मकांडीय उपचार और बुरी आत्माओं के प्रभाव से मुक्ति के लिए इस मंदिर की ख्याति देश भर में है और इसके चलते राजस्थान में रोज देश भर से सैकड़ों श्रद्धालु यहां दर्शन करने के लिए आते हैं।
उपचार की पद्धति पर शोध को जुटे थे दल
वर्ष 2013 में इस मंदिर की मान्यताओं के चलते जर्मनी, नीदरलैंड, एम्स नई दिल्ली और दिल्ली विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों, विद्वानों और मनोचिकित्सकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने मंदिर में उपचार और अनुष्ठानों के सभी पहलुओं का मूल्यांकन करने के लिए एक अध्ययन शुरू किया था। यह काफी चर्चा का विषय बना था।
उत्तर भारत में बहुत लोकप्रिय
बालाजी महाराज का यह मंदिर विशेष रूप से भारत के उत्तरी भाग में बहुत प्रसिद्ध है। मंदिर के पहले महंत श्री गणेशपुरीजी महाराज थे।
यह है मंदिर को लेकर खास मान्यता
ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति बुरी आत्माओं से पीड़ित है, उन्हें कुछ विशेष विधियों से संकट से राहत मिलती है। यहां आने वाले लोग बूंदी के लड्डू का भोग श्री बालाजी महाराज को, भैरव बाबा को चावल और उड़द की दाल अर्पित करते हैं। शनिवार और मंगलवार मंदिर के सबसे व्यस्त दिन माने जाते हैं क्योंकि ये दोनों दिन हनुमानजी के दिन होते हैं।
समीप हैं ये अन्य मंदिर
बालाजी मंदिर के पास कुछ अन्य मंदिर हैं अंजनी माता मंदिर, किशोर पहाड में काली माता, पंचमुखी हनुमानजी, साट पहाड में गणेशजी मंदिर, समाधि वाले बाबा (प्रथम महंत), मेहंदीपुर बालाजी में कुछ महत्वपूर्ण मंदिर हैं।
यह है मंदिर की लोकेशन
यह मंदिर भारत के राजस्थान राज्य के हिंडौन सिटी के पास करौली जिले के टोडाभीम में स्थित है। यह गांव दो जिलों- करौली और दौसा की सीमा पर स्थित है। इस मंदिर को सीमा से आधे और दूसरे जिलों में विभाजित किया गया है।
मेहंदीपुर बालाजी जाने के लिए यह करें
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में दर्शन करने हजारों की संख्या में लोग दर्शन करने आते हैं। राजधानी नई दिल्ली से मेहंदीपुर बालाजी की दूरी लगभग तीन सौ किलोमीटर है। दिल्ली से यहां आने के लिए वॉल्वो बस वॉल्वो बस है। इसके अलावा निजी कैब या निजी गाड़ी भी लेकर जा सकते हैं।
ठहरने की यहां सुविधा
बांदीकुई जंक्शन रेलवे स्टेशन मंदिर का निकटतम है जिसकी दूरी मंदिर से 36 किलोमीटर है। इसके अलावा यहां से जयपुर एयरपोर्ट पास है जो 90 किलोमीटर दूर है। रेलवे स्टेशन या एयरपोर्ट से टैक्सी या बस आसानी से मिल जाती है। ठहरने के लिए आश्रम और होटल दोनों तरह के विकल्प हैं। अपने बजट के अनुसार आप कहीं भी ठहर सकते हैं।
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