Swami Vivekananda Death Anniversary: 4 जुलाई को स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि है। साल 1902 में इसी दिन भारतीय चिंतन को समग्र विश्व में फैलाने वाले इस महापुरुष का अवसान हुआ था। 4 जुलाई 1902 आषाढ़ कृष्ण अमावस्या का दिन था। स्वामी विवेकानंद पश्चिम बंगाल के बेलूर मठ में थे। रोज की तरह सुबह जल्दी उठे। नित्य कार्यों से निवृत्त होकर ध्यान, साधना एवं भ्रमण के कार्य को सम्पन्न किया। इसके बाद भोजनालय में गए। भोजन व्यवस्था को देखा और अपने शिष्यों को बुलाया। स्वयं अपने हाथों से सभी शिष्यों के पैर धोए। शिष्यों ने संकोच करते हुए स्वामीजी से पूछा, 'ये क्या बात है?' स्वामीजी ने कहा, 'जिसस क्राइस्ट ने भी अपने हाथों से शिष्यों के पैर धोए थे।' शिष्यों के मन में विचार गूंजा, 'वह तो उनके जीवन का अंतिम दिन था।'
इसके बाद सभी ने भोजन किया। स्वामीजी ने थोड़ा विश्राम किया और दोपहर डेढ़ बजे सभी को हॉल में बुला लिया। तीन बजे तक संस्कृत ग्रंथ लघुसिद्धांत कौमुदी पर मनोरंजक शैली में स्वामीजी पाठ पढ़ाते रहे। खूब ठहाके लगे। व्याकरण जैसा नीरस विषय रसमय हो गया। शिष्यों को डेढ़ घंटे का समय जाते पता ही न चला।
सायंकाल स्वामीजी अकेले आश्रम परिसर में घुम रहे थे। वे अपने आप से कह रहे थे, 'विवेदानंद को समझने के लिए कोई अन्य विवेकानंद चाहिए। विवेकानंद ने कितना कार्य किया है यह जानने के लिए कोई विवेकानद ही होना चाहिए। चिंता की बात नहीं, आने वाले समय में इस देश के अंदर कई विवेकानंद अवतरित होंगे और भारत को ऊंचाइयों पर पहुंचाएंगे।'
संध्या होने के बाद स्वामीजी अपने कमरे में गए। खिड़कियां बंद कीं और ध्यान मुद्रा में बैठ गए। कुछ समय जप किया। बाद में खिलाड़ियां खोल दीं। बिस्तर पर लेट गए। और ओम का उच्चारण करते हुए इस दुनिया से विदा ली। लगभग चालीस वर्ष की अल्पआयु में भारतीय चिंतन को समग्र विश्व में फैलाने वाले इस महापुरुष के जीवन का एक-एक क्षण आनंदपूर्ण, उल्लासमय और भारत के खोए वैभव को पूरी दुनिया में प्रचारित करने के लिए समर्पित रहा।
(सत्येंद्र मजूमदार की 'विवेक चरित्र' से उद्धत)
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Koo Appभारतीय चिंतन का समग्र विश्व में प्रसार कर मानवता का कल्याण करने वाले महान आध्यात्मिक गुरु, #SwamiVivekanand जी के निर्वाण दिवस पर उनके चरणों में कोटि-कोटि नमन् करता हूं। आपके ओजस्वी और प्रखर विचारों की पवित्र एवं अखण्ड ज्योत सर्वदा मानवता का मंगल व कल्याण करती रहेगी।- Shivraj Singh Chouhan (@chouhanshivraj) 4 July 2022
Koo App"Arise, awake, stop not till the goal is reached” Swami Vivekananda Ji played a key role in introducing Indian philosophies of Vedanta & Yoga to the world & brought Hinduism to the status of a major world religion during late 19th century. Homage to Swami Ji on his Punya Tithi.- Hardeep Singh Puri (@hardeepspuri) 4 July 2022
Koo Appभारतीय डाक महान विद्वान, युवा प्रतीक और आध्यात्मिक नेता #स्वामीविवेकानंद को उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता है। वह हमें पीढ़ियों तक प्रेरित करते रहेंगे। India Post pays humble tributes to the great scholar, youth icon and spiritual leader #SwamiVivekananda on his death anniversary. He will continue to inspire us for generations.- India Post (@indiapost) 4 July 2022