डिजिटल डेस्क, इंदौर। मशहूर समाज सेविका और महिलाओं के लिए उल्लेखनीय कार्य वाली सुधा मूर्ति को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है। सुधा मूर्ति को राज्यसभा के लिए मनोनीत किए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी खुशी जताई है। पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि मुझे खुशी है कि भारत के राष्ट्रपति ने उनका नामांकन किया है। सुधा मूर्ति जी सामाजिक कार्य, परोपकार और शिक्षा सहित विविध क्षेत्रों में योगदान अतुलनीय और प्रेरणादायक रहा है। राज्यसभा में उनकी उपस्थिति हमारी 'नारी शक्ति' का एक शक्तिशाली प्रमाण है, जो हमारे देश की नियति को आकार देने में महिलाओं की ताकत और क्षमता का उदाहरण है। उनके सफल संसदीय कार्यकाल की कामना करता हूं।
सुधा मूर्ति एक समाज सेविका होने के साथ-साथ एक और पहचान भी रखती है। वे विख्यात बिजनेसमैन और इन्फोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति होने के साथ-साथ ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की सास भी हैं। Sudha Murthy ने महिलाओं के उत्थान के लिए लंबे समय से काम कर रही है।
Sudha Murthy अपने छात्र जीवन में कॉलेज की अकेली इंजीनियरिंग छात्र थी। तब कॉलेज के लड़के भी उन्हें एक अजूबे के रूप में देखते थे, क्योंकि उस दौरान इंजीनियरिंग को लड़कों का क्षेत्र माना जाता था। एक इंटरव्यू में सुधा मूर्ति ने बताया था कि कुछ लड़कों को यह सहन नहीं होता था कि वह लड़की होकर इंजीनियरिंग कैसे कर सकती है? बाद में जब कॉलेज में टॉपर बनी तो मुझे स्वीकार कर लिया गया।
सुधा मूर्ति ने देवदासी कुप्रथा के खिलाफ भी आवाज उठाई थी। तब उन पर कुछ लोगों ने चप्पल व टमाटर भी फेंके थे, लेकिन फिर भी वे लगातार संघर्ष करती रही। उनके प्रयासों से करीब 3000 देवदासियों को मुक्त कराया।
सुधा मूर्ति कन्नड़, मराठी और अंग्रेजी भाषा में कई किताबें लिख चुकी है। उनकी कई किताबें युवाओं में काफी ज्यादा लोकप्रिय हैं। सुधा मूर्ति का जन्म 19 अगस्त 1950 को कर्नाटक में हावेरी के शिग्गांव में हुआ था। वह देशस्थ माधवा ब्राह्मण परिवार से हैं। अपने उल्लेखनीय कार्यों के कारण अब तक कई पुरस्कारों व अवार्ड से सम्मानित की जा चुकी हैं।