लुधियाना। जीटी रोड पर स्थित शहर दोराहा में शुक्रवार मध्यरात्रि अचानक एक टैंकर से हुए अमोनिया गैस के रिसाव से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। गैस रिसाव में दोराहा शहर के अलावा आसपास के गांव व अस्पताल भी चपेट में आ गए। इससे छह लोगों की मौत हो गई है वहीं सौ से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।
इनमें से कई को सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन की शिकायत हो रही है। इन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
गांव को कराया गया खाली
गैस रिसाव से छोटी नामक वृद्धा (70) निवासी रामपुर की मौत हो गई। सूचना मिलने पर विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारी मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू कर दिए गए। दोराहा शहर, गांवों व अस्पतालों को खाली करवाकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया।
दोराहा के मुख्य चौक में विजय कनफेक्शनरी नामक दुकानदार विजय कुमार ने बताया कि रात्रि 11:30 बजे जब वह अपनी दुकान बंद करने लगा था तो पुल के नीचे से कई लोग भागकर आए। लोगों ने बताया कि पुल के नीचे किसी गैस का टैंकर फंसने से टैंकर फट गया व उसमें से गैस लीक हो रही है। गैस ने कई लोगों को अपनी चपेट में ले लिया जो मौके पर ही बेहोश पड़े हुए हैं।
विजय ने तुरंत दुकान बंद कर शहर में शोर मचा दिया, जिसे भी पता चला और जो जिस भी हालात में था अपने परिवारों सहित शहर से बाहर भागा। बहुत से लोग गुरुद्वारा मंजी साहिब पहुंचे और बहुत से अपने रिश्तेदारों के पास चले गए।
सरकारी व निजी संस्थानों के करीब 30 एंबुलेंस राहत कार्यो में जुटी हुई थी। बताया जाता है कि मौके पर पहुंचे पायल के डीएसपी वरिंदरजीत सिंह को भी गैस चढ़ गई और वह बेहोश हो गए। भंगू अस्पताल दोराहा के नजदीक से मरीज उठाने गए 108 एंबुलेंस के दो मुलाजिम भी गैस की चपेट में आकर बेहोश हो गए।
ये गैस कौन सी है या क्या है इस बारे में पता नहीं चल पाया था, क्योंकि प्रबंधों और साधनों की कमी के चलते कोई गैस लीक होने वाले कैंटर के पास नहीं पहुंच सका था। आनन-फानन में आसपास के सभी फायरब्रिगेट स्टेशनों से दमकल गाड़ियां मंगवाकर गैस का असर खत्म करने का कार्य शुरू किया गया।
रात्रि दो बजे गुरुद्वारा मंजी साहिब से भी लोगों को बाहर निकालकर खन्ना की ओर भेज दिया गया था। प्रशासन को खतरा है कि गैस आसपास के 30 किलोमीटर क्षेत्र में बड़ा जानी-माली नुकसान कर सकती है।
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क्षेत्र के बड़े सिद्धू और राजवंत अस्पताल जिनमें 24 घंटे सैकड़ों लोग मौजूद रहते हैं भी गैस के रिसाव की चपेट में आए गए थे। अस्पताल में भर्ती मरीजों व उनके परिजनों को बिना फर्स्ट एड दिए ही वहां से गाड़ियों में लादकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। सिद्धू नर्सिग कॉलेज के होस्टल में विभिन्न राज्यों की सैकड़ों छात्राएं रहती हैं। इन्हें भी वहां से सुरक्षित स्थल पर भेजा गया है।
जसबीर कौर निवासी घुडानी ने बताया कि उसका दो माह का पोता सिद्धू अस्पताल में दाखिल था। अचानक 11:30 बजे गैस के रिसाव से पूरे अस्पताल में बुरा हाल हो गया। वे अपने पोत्र को लेकर भागी व बड़ी मुश्किल से मंजी साहिब पहुंची। जसबीर से अनुसार दोराहा में सड़क पर लोग बेहोश होकर गिरे पड़े हैं।
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