इलाहबाद। ज्योतिष एवं शारदा पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने अपने एक और विवादित बयान से हलचल मचा दी है। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने बुधवार को दावा किया कि आगरा में ताजमहल के नीचे शिवलिंग बना है। वहां सावन के महीने में जलधारा इसीलिए निकलती है। पूर्व में जबरन कुछ हड्डियां रखकर मकबरा बना दिया गया। शंकराचार्य का दावा था कि मुमताज महल मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में खत्म हुई थी तो उसे कैसे यहां दफनाया जा सकता था? इसलिए इस मामले का परीक्षण कराया जाना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि ताजमहल के 7 तहखाने खुलवाए जाएंगे।
इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि साईं मुहम्मद वंशीय यवन थे। पत्रकारों से बातचीत में साईं को लेकर उठे विवाद में शंकराचार्य अपने मत पर दृढ़ नजर आए। उन्होंने कहा, हिंदुओं के धर्मशास्त्र में कहीं भी साईं पूजा का जिक्र नहीं है। यदि चमत्कार के आधार पर पूजा करनी है तो हनुमान से बड़ा चमत्कारी कोई दूसरा नहीं है। उन्होंने शिरडी में बनी उनकी मजार पर हिंदुओं को जाने से बचने की सलाह दी। कहा कि मुसलमान इसलिए नहीं जाएंगे क्योंकि वहां साईं की मूर्ति लग गई है।
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने गायों की रक्षा करने के लिए एक कानून की मांग की है और इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहल करने के लिए पूछा है। यही नहीं, उन्होंने राष्ट्रव्यापी गोमांस प्रतिबंध की भी मांग की है।
उन्होंने कहा कि अभी केंद्र में हिंदू समर्थक सरकार है और गायों की रक्षा का कानून बनाने का ये सही समय है। उन्होंने पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज मार्कण्डेय काटजू के महाराष्ट्र और हरियाणा में गोमांस प्रतिबंध की आलोचना की निंदा की। शंकराचार्य ने भाजपा और अन्य हिंदू संगठन की घर वापसी को लेकर आलोचना की और कहा कि वो प्रक्रिया गलत थी।
धर्मनिपरेक्षता पर भी निशाना
शंकराचार्य ने कहा, देश के मदरसों में कुरान के जरिए मुस्लिम बच्चों को और मिशनरी स्कूलों में बाइबिल के माध्यम से ईसाईयों के साथ-साथ अन्य बच्चों को शिक्षा दी जा रही है, लेकिन हिंदुओं को उनके धर्म के सापेक्ष शिक्षा देने में कथित धर्मनिरपेक्षता आड़े आ रही है।
इसके पहले भी स्वरूपानंद के बयान पर कई बार विवाद हो चुके हैं। आपको बता दें कि कुछ महीने पहले शंकराचार्य के एक शादी, दो बच्चों के बयान से भी हंगामा मच गया था। उन्होंने कहा था कि एक पत्नी और दो बच्चों वाला कानून देश के सभी धर्मों को मानने वालों पर लागू होना चाहिए।
ज्यादा बच्चे पैदा करने की वकालत करने वालों को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि यह प्रतिस्पर्धा खत्म होनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'देश की आबादी वर्तमान में एक अरब 25 करोड़ है। अगर ऐसे ही प्रतिस्पर्धा होती रही तो लोगों को कहां रखेंगे।'