Served Non-Veg Instead of Veg: अगर आप किसी होटल में परिवार के साथ बैठे हैं। आपने खाने का ऑर्डर दिया। जब आपने खाना शुरू किया तो पता चला कि आपको नॉनवेज दिया गया है और आपने खा लिया। अगर आप शाकाहारी हैं, तो आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। ऐसा ही वाकया आगरा के रहने वाले अर्पित गुप्ता के साथ हुआ। वह बीमार पड़ गए और अस्पताल में भर्ती कराया गया।
दरअसल मामला आगरा-फतेहाबाद रोड स्थित एक होटल का है। अर्पित गुप्ता का कहना है कि 14 अप्रैल को अपने दोस्त के साथ वेज रोल ऑर्डर किया। खाने के बाद उन्हें अलग टेस्ट महसूस हुआ। पूछने पर पता चला कि चिकन रोल दिया गया है। इसके बाद अर्पित की तबीयत खराब हो गई। उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा।
अर्पित गुप्ता ने होटल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की बात कही है। साथ ही 1 करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा है। उनका कहना है कि वह वेजिटेरियन है और उसके साथ धोखा हुआ है। उनकी धार्मिक भावना को ठेस पहुंची है। हालांकि होटल मैनेजमेंट ने खेद प्रकट किया है और मांगी मांगी है।
- इस मामले के कई कानूनी पहलू हो सकते हैं। यदि होटल स्टाफ ने गलती से नॉनवेज दिया था, तो उसे माफी मांगनी पड़ेगी। अदालत के आदेश पर उसे फाइन या सजा हो सकती है। यह खाना परोसने वाले कर्मचारी की नीयत पर निर्भर है।
- अगर पीड़ित मुआवजे की मांग करता है, तो अदालत के निर्देश पर रेस्टोरेंट मालिक को सेटलमेंट रकम देनी होगी।
- वहीं, अगर ग्राहक को पता है कि होटल में नॉनवेज मिलता है। तब ये लापरवाही उसकी भी मानी जाएगी। खाना परोसने वाले ने पहले नहीं बताया या नहीं पूछा तो गलती उसकी मानी जाएगी।
धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना और खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू होता है। कानून के जानकारों का कहना है कि ये खराब भोजन परोसने का केस भी बनता है, क्योंकि ग्राहक बीमार पड़ गया। इस मामले में पीड़ित के वकील का कहना है कि दोषी पक्ष को कम से कम 3 साल तक की सजा हो सकती है।
अक्सर लोग शाकाहारी प्रोडक्ट खरीदने से पहले उसके पैकेट पर लिखे सामग्री को देखते है। पैकेट पर लिखे कोड नेम से ही वेज प्रोडक्ट समझकर खरीद लेते हैं। अगर आपको पता चले कि आपने जिस सामान को खरीदा है। वह नॉन वेजिटेरियन चीजों से बना है, तो आपके लिए किसी झटके से कम नहीं है।
पिछले साल दिल्ली हाईकोर्ट ने फूड बिजनेस ऑपरेटर्स को आदेश दिया था। कहा था कि वे अपने प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल की गई चीजों के कोड नेम की जानकारी के अलावा पौधे या जानवर से बनाया गया है। इसकी जानकारी स्पष्ट करें। अदालत ने फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ज रेगुलेशंस के 2.2.2 (4) का पालन करने का निर्देश दिया।
1. मांसाहारी खाने में किसी जानवर या अंडे का इस्तेमाल होता है।
2. शाकाहारी फूड पौधों से बनने वाले इंग्रीडिएंट्स से बनते हैं।
3. नॉन वेज फूड पर ब्राउन कलर का सर्कल का लेबल होता है।
4. वेज फूड पर हरे रंग का सर्कल का लेबल होता है।
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