Sardar Vallabhbhai Patel Jayanti 2022: सरदार पटेल की जयंती आज, जरूर पढ़े लौह पुरुष के अनमोल विचार
Sardar Patel birth anniversary today महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर वे आजादी के आंदोलन में कूद गए थे। आज सरदार पटेल की जयंती पर जरूर जानें उनके अनमोल विचारों के बारे में, जो आज भी युवाओं और देशवासियों को प्रेरित करते हैं -
By Sandeep Chourey
Edited By: Sandeep Chourey
Publish Date: Mon, 31 Oct 2022 08:41:44 AM (IST)
Updated Date: Mon, 31 Oct 2022 08:41:44 AM (IST)
Sardar Patel birth anniversary today । लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के खेड़ा जिले में हुआ था। देश की आजादी के आंदोलन में अहम भूमिका निभाने के साथ ही देश के एकीकरण में भी लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की महत्वपूर्ण भूमिका थी। सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर साल 2014 से 31 अक्टूबर को ‘नेशनल यूनिटी डे’ या ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। सरदार पटेल ने अपने छात्र जीवन में लंदन जाकर बैरिस्टर की पढ़ाई की और वापस आकर अहमदाबाद में वकालत करने लगे थे। तभी महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर वे आजादी के आंदोलन में कूद गए थे। आज सरदार पटेल की जयंती पर जरूर जानें उनके अनमोल विचारों के बारे में, जो आज भी युवाओं और देशवासियों को प्रेरित करते हैं -
- "इस मिट्टी में कुछ अनूठा है, जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है."
- "आज हमें ऊंच-नीच, अमीर-गरीब, जाति-पंथ के भेदभावों को समाप्त कर देना चाहिए."
- "शक्ति के अभाव में विश्वास व्यर्थ है. विश्वास और शक्ति, दोनों किसी महान काम को करने के लिए आवश्यक हैं."
- "मनुष्य को हमेशा शांत रहना चाहिए, क्रोध नहीं करना चाहिए। लोहा भले ही गर्म हो जाए, हथौड़े को तो ठंडा ही रहना चाहिए अन्यथा वह स्वयं अपना हत्था जला डालेगा। किसी भी राज्य प्रजा पर कितना ही गर्म हो जाए, आखिर में उसे शांत होना ही पड़ेगा।"
- "आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आंखों को क्रोध से लाल होने दें और अन्याय का सामना मजबूत हाथों से कीजिए, तभी जल्द सफलता मिलेगी"
- "अधिकार मनुष्य को तब तक अंधा बनाए रखेंगे, जब तक मनुष्य उस अधिकार को प्राप्त करने के लिए कोई कीमत नहीं चुका देता है।"
- "हर व्यक्ति को अपना अपमान सहने की कला भी आनी चाहिए, तभी विपरीत स्थिति में संकट से पार पा सकता है। "
- “मेरी एक ही इच्छा है कि भारत एक अच्छा उत्पादक देश बने और कोई भी व्यक्ति अन्न के लिए आंसू बहाता हुआ भूखा न सोए।”
“जब जनता एक हो जाती है, तब उसके सामने क्रूर से क्रूर शासन भी नहीं टिक सकता। अतः जात-पांत के ऊंच-नीच के भेदभाव को भुलाकर सब एक हो जाइए.”
“संस्कृति समझ-बूझकर शांति पर रची गयी है. मरना होगा तो वे अपने पापों से मरेंगे. जो काम प्रेम, शांति से होता है, वह वैर-भाव से नहीं होता.”