Sardar Vallabhbhai Patel Birth Anniversary: सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्म दिवस यानी 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाएगा। देश की एकता और अखंडता में सरदार पटेल की अहम भूमिका मानी जाती है। उनके कहे वाक्य आज भी करोड़ों देशवासियों के लिए प्रेरणा का काम करते हैं। स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा ले चुके वल्लभभाई पटेल को लौह पुरुष कहा जाता है। वहीं बारडोली सत्याग्रह का नेतृत्व कर रहे वल्लभभाई पटेल को सत्याग्रह की सफलता पर वहां की महिलाओं ने सरदार की उपाधि दी थी। National Unity Day of India (राष्ट्रीय एकता दिवस) के मौके पर पढ़िए सरदार पटेल का अनमोल वचन
इस मिट्टी में कुछ अनूठा है, जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है। आज हमें ऊंच-नीच, अमीर-गरीब, जाति-पंथ के भेदभावों को समाप्त कर देना चाहिए।
शक्ति के अभाव में विश्वास व्यर्थ है। विश्वास और शक्ति, दोनों किसी महान काम को करने के लिए आवश्यक हैं।
ऐसे बच्चे जो मुझे अपना साथ दे सकते हैं, उनके साथ अक्सर मैं हंसी-मजाक करता हूँ। जब तक एक इंसान अपने अन्दर के बच्चे को बचाए रख सकता है तभी तक जीवन उस अंधकारमयी छाया से दूर रह सकता है जो इंसान के माथे पर चिंता की रेखाएं छोड़ जाती है।
यहां तक कि यदि हम हज़ारों की दौलत गवां दें, और हमारा जीवन बलिदान हो जाए, हमें मुस्कुराते रहना चाहिए और ईश्वर एवं सत्य में विश्वास रखकर प्रसन्न रहना चाहिए।
मनुष्य को ठंडा रहना चाहिए, क्रोध नहीं करना चाहिए। लोहा भले ही गर्म हो जाए, हथौड़े को तो ठंडा ही रहना चाहिए अन्यथा वह स्वयं अपना हत्था जला डालेगा। कोई भी राज्य प्रजा पर कितना ही गर्म क्यों न हो जाये, अंत में तो उसे ठंडा होना ही पड़ेगा।
आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आँखों को क्रोध से लाल होने दीजिये, और अन्याय का सामना मजबूत हाथों से कीजिये।
जब जनता एक हो जाती है, तब उसके सामने क्रूर से क्रूर शासन भी नहीं टिक सकता। अतः जात-पांत के ऊँच-नीच के भेदभाव को भुलाकर सब एक हो जाइए।
संस्कृति समझ-बूझकर शांति पर रची गयी है. मरना होगा तो वे अपने पापों से मरेंगे। जो काम प्रेम, शांति से होता है, वह वैर-भाव से नहीं होता।
काम करने में तो मजा ही तब आता है, जब उसमे मुसीबत होती है मुसीबत में काम करना बहादुरों का काम है मर्दों का काम है कायर तो मुसीबतों से डरते हैं लेकिन हम कायर नहीं हैं, हमें मुसीबतों से डरना नहीं चाहिये।
एकता के बिना जनशक्ति शक्ति नहीं है जबतक उसे ठीक तरह से सामंजस्य में ना लाया जाए और एकजुट ना किया जाए, और तब यह आध्यात्मिक शक्ति बन जाती है।
यह हर एक नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह यह अनुभव करे की उसका देश स्वतंत्र है और उसकी स्वतंत्रता की रक्षा करना उसका कर्तव्य है। हर एक भारतीय को अब यह भूल जाना चाहिए कि वह एक राजपूत है, एक सिख या जाट है। उसे यह याद होना चाहिए कि वह एक भारतीय है और उसे इस देश में हर अधिकार है पर कुछ जिम्मेदारियां भी हैं।
Faith is of no avail in absence of strength. Faith and strength, both are essential to accomplish any great work.
आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आँखों को क्रोध से लाल होने दीजिये, और अन्याय का सामना मजबूत हाथों से कीजिये।
Your goodness is impediment in your way, so let your eyes be red with anger, and try to fight the injustice with a firm hand.
Very often I indulge in less vigorous pranks with children who can afford to give me the benefit of their company. It is only so long as a man can retain the child in him that life can be free from those dark shadows which leave inevitable furrows on a man’s forehead."~ Sardar Vallabhbhai Patel
जीवन की डोर तो ईश्वर के हाथ में है, इसलिए चिंता की कोई बात हो ही नहीं सकती।
Life is in the hands of God, therefore, can not be worry.
There is something unique in this soil, which despite many obstacles has always remained the abode of great souls.
It is the prime responsibility of every citizen to feel that his country is free and to defend its freedom is his duty. Every Indian should now forget that he is a Rajput, a Sikh or a Jat. He must remember that he is an Indian and he has every right in this country but with certain duties."~ Sardar Vallabhbhai Patel
Eager enthusiasm should not have expected to yield big results.