एजेंसी, मुंबई, Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के एक दावे ने राजनीतिक भूचाल ला दिया है। दरअसल, संघ ने महाराष्ट्र में भाजपा की हार का जिम्मेदार अजित पवार के साथ गठबंधन को बताया है।
महाराष्ट्र में भाजपा को लोकसभा चुनाव में बहुत बुरी हार मिली थी। आरएसएस ने मराठी पत्रिका में एक लेख पब्लिश हुआ है, जिसमें लिखा गया है कि अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन के बाद कार्यकर्ता भ्रमित हो गए थे। यह हार का बड़ा कारण है।
आरएसएस से जुड़ी पत्रिका के एक लेख में भाजपा के साथ एनसीपी के गठबंधन को बेमेल बताया है। इस गठबंधन पर आपत्ति जताते हुए लिखा है कि अजीत पवार की पार्टी के साथ गठबंधन ही भाजपा की हार का बड़ा कारण है।
महाराष्ट्र में आरएसएस की मराठी भाषा में विवेका नाम एक पत्रिका आती है। उसमें 'कार्यकर्ता हताश नहीं, बल्कि भ्रमित' शीर्षक से एक आर्टिकल लिखा गया है। इसमें बताया गया है कि भाजपा के नेतृत्व के कान में कार्यकर्ताओं की आवाज नहीं पहुंची थी। उनके साथ सीधा संवाद खराब प्रदर्शन का कारण बना।
पत्रिका में लिखा गया है कि उद्धव ठाकरे के कांग्रेस के साथ जाने के बाद एकनाथ शिंदे ने बालासाहेब के नाम को आगे कर शिवसेना का नेतृत्व किया। उसके साथ भाजपा का जाना एक स्वाभाविक गठबंधन था, लेकिन अजीत पवार की एनसीपी का साथ आना कार्यकर्ताओं को नहीं जमा।
पत्रिका में लिखा है कि लोकसभा में हार के बाद हर कार्यकर्ता एनसीपी के गठबंधन को गलत बता रहा है। यह दिखाता है कि भाजपा कार्यकर्ता एनसीपी के साथ जमीन पर काम नहीं करना चाहते हैं।
भाजपा ने शिवेसना (शिंदे गुट) और अजीत पवान की एनसपी के साथ मिलकर गठबंधन बनाया। इसने लोकसभा चुनाव में 48 में से सिर्फ 17 सीटें जीतीं। यह 2019 के 41 सीटों के रिकॉर्ड से बहुत ही खराब था। उद्धव ठाकरे की शिवसेना, कांग्रेस और शरद पवान की एनसीपी ने मिलकर 48 में से 30 सीटें जीत लीं।