भागीरथी नदी को बना दिया डंपिग जोन, NGT ने मांगा जवाब
केंद्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट ऑलवेदर रोड का मलबा अभी भी भागीरथी में समा रहा है।
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Publish Date: Wed, 04 Apr 2018 08:17:30 PM (IST)
Updated Date: Wed, 04 Apr 2018 08:22:06 PM (IST)
उत्तरकाशी। केंद्र सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट ऑलवेदर रोड का मलबा अभी भी भागीरथी में समा रहा है। उत्तरकाशी के धरासू व चुंगी बड़ेथी में इसी तरह की स्थिति है। यह स्थिति तब है, जब एनजीटी (राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण) ने भागीरथी में उड़ेले जा रहे मलबे को लेकर कार्यदायी संस्था और सरकार से जवाब मांगा है। इस मामले में 24 अप्रैल को एनजीटी में सुनवाई होनी है।
उत्तरकाशी में धरासू और बड़ेथी चुंगी के पास जनवरी से हाईवे का चौड़ीकरण न ट्रीटमेंट कार्य चल रहा है। इस क्षेत्र में ऑलवेदर रोड का कार्य नेशनल हाईवे इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचआइडीसीएल) की देख-रेख में कराया जा रहा है। तेजी से कार्य हो, इसके लिए दिन-रात शिफ्ट चल रही हैं। लेकिन, स्थिति यह है कि सड़क के चौड़ीकरण में जितना भी मलबा-पत्थर निकल रहा है, उसे कार्यदायी संस्था सीधे भागीरथी में उड़ेल दे रही है। जाहिर है यह स्थिति बरसात के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है।
धरासू के पास तो यह मलबा धरासू पावर हाउस के लिए भी खतरा पैदा कर सकता है। ऐसा नहीं कि इस मामले का संज्ञान एनजीटी ने नहीं लिया। एनजीटी ने दिल्ली निवासी गौरव जैन की याचिका पर उत्तराखंड सरकार व एनएचआइडीसीएल से जवाब मांगा है। इसके बाद भी भागीरथी में मलबा उड़ेलने का खेल थम नहीं रहा।
उत्तरकाशी वन प्रभाग के डीएफओ संदीप कुमार कहते हैं कि धरासू में हाईवे चौड़ीकरण व ट्रीटमेंट का कार्य वे नहीं रोक सकते। हालांकि, भागीरथी नदी में मलबा डालने पर वन विभाग ने रोक लगाई हुई है। साथ ही कार्यदायी संस्था को डंपिग जोन डेवलप करने के भी निर्देश दिए गए हैं।