Post Office NSC SCSS schemes: पोस्ट ऑफिस सेविंग्स स्कीम्स निवेश के सबसे सुरक्षित विकल्पों में से एक हैं। इसके साथ ही इनमें अभी FD की तुलना में बेहतर ब्याज भी मिल रहा है। इस वजह से पोस्ट ऑफिस में निवेश करना काफी फायदेमंद है, लेकिन इससे पहले आपको कुछ बातें जान लेना जरूरी है। सरकार ने NSC, SCSS स्कीम के नियम बदल दिए हैं। पोस्ट ऑफिस में एक से ज्यादा लोग भी मिलकर निवेश कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें संयुक्त खासा खुलवाना पड़ता है। इससे जुड़े कई नियमों को लेकर ग्राहकों ने सवाल किए थे, अब सरकार ने सभी खातों से जुड़े नियमों को स्पष्ट कर दिया है।
पोस्ट ऑफिस में दो तरह के संयुक्त खाते होते हैं। ज्वाइंट A और ज्वाइंट b। ज्वाइंट A खाता अधिकतम तीन लोग मिलकर खुलवा सकते हैं और इसका पैसा तीनों लोगों को मिलता है। इन तीन में से किसी एक या दो लोगों की मौत होने पर बचे हुए लोगों को पैसा मिलता है। वहीं ज्वाइंट B अकाउंट में भी अधिकतम तीन लोग मिलकर खाता खुलवा सकते हैं, लेकिन इसका पैसा सभी को नहीं मिलता। इसमें पहले से तय व्यक्ति को ही पैसा मिलता है और उसकी मौत होने पर भी नॉमिनी का चयन पहले से करना पड़ता है।
वित्त मंत्रालय ने क्या कहा
वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि Joint B टाइप के खाते में कोई भी जमाकर्ता या जीवित जमाकर्ता हर तरह का ऑपरेशन कर सकता है। हालांकि, नॉन-सीबीएस पोस्ट ऑफिस के मामले में खाते या प्रमाण पत्र के ट्रांसफर और ब्रांच पोस्ट ऑफिस में ट्रांसफर के लिए आवेदन में, ज्वाइंट खाते में सभी जमाकर्ताओं को या तो A-टाइप या B-टाइप में हस्ताक्षर करने होंगे।
SCSS बाकी स्कीम में कर सकेंगे बदलाव
वित्त मंत्रालय ने ज्वाइंट बी टाइप के खाते के मामले में नेशनल सेविंग्स स्कीम्स के तहत सीनियर सिटीजन्स सेविंग स्कीम को छोड़कर सभी स्कीम के संबंध में ज्वाइंट डिपॉजिटर्स या सर्वाइवर्स को खाता बंद करने, डुप्लीकेट पासबुक जारी करने और खाते का ट्रांसफर कराने की अनुमति दी है। एससीएसएस खाते के मामले में, जमा की पूरी राशि पहले खाताधारक के लिए जिम्मेदार है, ज्वाइंट बी के मामले में ज्वाइंट डिपॉजिटर्स या सर्वाइवर केवल तिमाही ब्याज की निकासी कर सकेंगे।
15 लाख रुपए कर सकते हैं जमा
SCSS के मामले में, जमाकर्ता अकेले या जीवनसाथी के साथ ज्वाइंट खाता खोल सकता है। ज्वाइंट खाते में जमा की गई पूरी राशि केवल पहले खाताधारक ही निकाल सकता है। पति-पत्नी एक-दूसरे के साथ सिंगल अकाउंट और ज्वाइंट अकाउंट खोल सकते हैं, जिसमें प्रत्येक खाते में अधिकतम 15 लाख रुपए तक जमा किए जा सकते हैं। हालांकि दो अलग खाते खोलने के लिए दोनों पति-पत्नी इंडिविजुअल रूप से खाता खोलने के लिए योग्य होने चाहिए।