New Parliament: केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुलाया है जो 18 सितंबर को पुराने संसद भवन में शुरू होगा और अगले दिन यानी 19 सितंबर को, गणेश चतुर्थी के अवसर पर नए संसद भवन में स्थानांतरित किया जाएगा। यानी 19 सितंबर को गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर नए संसद भवन का उद्घाटन सत्र औपचारिक रूप से शुरू हो जाएगा। बता दें कि इसी साल 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया था और तब से नई इमारत में कामकाज शुरू होने का इंतजार चल रहा था।
मोदी सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया है। पिछले 9 सालों के कार्यकाल में ये पहली बार है, जब सरकार ने विशेष सत्र बुलाया है। राज्यसभा सचिवालय ने अपने बुलेटिन में कहा है कि सदस्यों को सूचित किया जाता है कि राज्यसभा का 261वां सत्र 18 सितंबर से शुरू होगा और 22 सितंबर तक चलेगा। लोकसभा सचिवालय के एक नोटिस में कहा गया है कि इस पांच दिवसीय विशेष सत्र में प्रश्नकाल, शून्यकाल और प्राइवेट मेंबर्स का कामकाज शामिल नहीं होगा।
संसद के इस विशेष सत्र के एजेंडे के बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया है। लेकिन सत्र के पहले दिन पुराने संसद भवन में लिए गए प्रमुख फैसलों, बड़े नेताओं और उनके महान कार्यों को याद किया जाएगा। इस विशेष सत्र में चंद्रयान-3 और G20 की सफलता पर प्रस्ताव पेश किया जा सकता है। सरकार इस दौरान चुनाव सुधार से जुड़े दो महत्वपूर्ण बिल भी ला सकती है।
विपक्षी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A.)' ने कहा कि वह 18 सितंबर से बुलाए गए संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र में देश से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर सकारात्मक सहयोग करना चाहता है। लेकिन सरकार को यह बताना चाहिए कि कि बैठक का विशेष एजेंडा क्या है। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया कि 18 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के विशेष सत्र के दौरान देश की आर्थिक स्थिति, जातीय जनगणना, सांप्रदायिक तनाव, मणिपुर के मुद्दा, चीन के साथ सीमा पर गतिरोध और अडाणी समूह से जुड़े नए खुलासों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) गठित करने समेत 9 मुद्दों पर उचित नियमों के तहत चर्चा कराई जाए।