Moon Colonization: दक्षिणी ध्रुव पर पानी मिला तो जल्द चांद पर हो सकती है इंसानी बस्ती
Moon Colonization चंद्रमा की दक्षिणी ध्रुव पर पानी भी बर्फ के रूप में मौजूद है, जिससे बिजली भी तैयार की जा सकती है।
By Sandeep Chourey
Edited By: Sandeep Chourey
Publish Date: Mon, 21 Aug 2023 02:39:58 PM (IST)
Updated Date: Mon, 21 Aug 2023 02:56:33 PM (IST)
HighLights
- साल 1972 के बाद से किसी भी अंतरिक्ष यात्री ने चांद पर कदम नहीं रखा है।
- यदि चांद पर इंसान को रहने लायक कॉलोनी बनाना है तो सबसे पहले कुछ बुनियादी जरूरतों को पूरा करना होगा।
- अब चांद पर मानव बस्ती का सपना जल्द आसान हो सकता है, लेकिन ये बहुत अधिक खर्चीला भी हो सकता है।
Moon Colonization। बीते कुछ सालों में मून मिशन को लेकर भारत सहित कई देशों की रुचि काफी बढ़ गई है। ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि निकट भविष्य में चंद्रमा पर मानव बस्ती बसाने का सपना जल्द पूरा हो सकता है, लेकिन यह काम इतना भी आसान नहीं है। चंद्रमा पर इंसानी कदम भले ही साल 1969 में पड़ गए हो, लेकिन एक सच्चाई ये भी है कि साल 1972 के बाद से किसी भी अंतरिक्ष यात्री ने चांद पर कदम नहीं रखा है। जब से इंसान ने चांद पर कदम रखा है, तभी से वहां इंसानी बस्ती बसाने की चर्चा चल रही है। 1972 से अभी तक 51 सालों में कई मून मिशन भेजे गए और उससे जो जानकारी हासिल हुई है, उसके बाद से अब चांद पर मानव बस्ती का सपना जल्द आसान हो सकता है, लेकिन ये बहुत अधिक खर्चीला भी हो सकता है।
चांद पर बसने के लिए क्या चाहिए?
यदि
चांद पर इंसान को रहने लायक कॉलोनी बनाना है तो सबसे पहले कुछ बुनियादी जरूरतों को पूरा करना होगा। जिसमें सांस लेने योग्य हवा, पानी, खाना, दबावयुक्त आश्रय स्थल और ऊर्जा शामिल है। इनमें में अधिकांश संसाधनों को चांद पर ही प्राप्त करना होगा।
चंद्रमा पर शिपिंग लागत
चांद पर धरती से सामान पहुंचाने की लागत काफी महंगी साबित हो सकती है। चंद्रयान-1 के साथ-साथ अन्य अभियानों में पता चल चुका है कि चांद पर सांस लेने योग्य ऑक्सीजन प्राप्त करना आसान है, वहीं चंद्रमा की दक्षिणी ध्रुव पर पानी भी बर्फ के रूप में मौजूद है, जिससे बिजली भी तैयार की जा सकती है। जल खनन से कई समस्याओं का समाधान हो सकता है। पानी का उपयोग सिंचाई आदि के लिए करके खाद्यान्न की भी समस्या सुलझाई जा सकती है।
धरती से शिपिंग लागत बहुत अधिक
यदि
चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिलता है तो चांद पर बस्ती बसाने का सपना अधर में लटक सकता है क्योंकि ऐसी स्थिति में चांद पर सामान पहुंचाने में शिपिंग लागत बहुत अधिक आएगी। एक अनुमान के मुताबिक चंद्रमा पर कॉलोनी शुरू करने के लिए आपूर्ति भेजने में 15 बिलियन डॉलर का खर्च आएगा, जो सिर्फ 100 लोगों के लिए ही पर्याप्त होगा।