आइजल। पूर्वोत्तर के आखिरी गढ़ मिजोरम में बुधवार को रण होगा। कांग्रेस नीत मुख्यमंत्री लाल थनहावला की सरकार लगातार अपने तीसरे कार्यकाल के लिए संघर्षरत होगी। जबकि भाजपा पूर्वोत्तर के इस आखिरी गढ़ से कांग्रेस को उखाड़ फेंकने की तैयारी में है।
यहां 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए 7.70 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। पूर्वोत्तर के आठ में सात राज्यों (मेघालय, नगालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम, असम, मेघालय, नगालैंड, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर) में भारतीय जनता पार्टी पहले ही अपना परचम फहरा चुकी है।
इन सभी राज्यों में भाजपा के नेतृत्व वाले नार्थईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस (नेडा) की सरकार है। अब आठवें राज्य मिजोरम के लिए भाजपा ने ऐंड़ी-चोटी का जोर लगा दिया है।
कांग्रेस और मिजोरम नेशनल पार्टी (एमएनएफ) ने वर्ष 1987 से मिजोरम पर शासन किया है। इसी वर्ष मिजोरम पूर्ण राज्य घोषित हुआ था। लेकिन तब से कोई भी दल लगातार तीन बार सरकार बनाने में नाकामयाब रहा है। हालांकि कांग्रेस पिछले दस साल से मिजोरम में शासन कर रही है।
वर्ष 2013 के चुनावों में कांग्रेस को 34 सीटें, मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) को पांच और मिजोरम पीपुल्स कांफ्रेंस को एक सीट मिली थी। इस बार के चुनाव में कांग्रेस और एमएनएफ ने सभी सीटों यानी 40 पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। जबकि भाजपा ने 39 प्रत्याशी चुनाव मैदान में खड़े किए हैं।
दूसरी ओर, दो राजनीतिक दलों और चार संगठनों से मिलकर बने जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) 35 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इसलिए 28 नवंबर को हो रहे मतदान के लिए कुल 209 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इन सभी का भाग्य 7,70,395 मतदाताओं के हाथों में हैं। इन मतदाताओं में 3,94,897 महिला मतदाता हैं।
इस बार मिजोरम में पीएम नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आखिरी हफ्ते में रैलियां की हैं। चुनाव प्रचार करने वाले अन्य प्रमुख नेताओं में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, जितेंद्र सिंह, मेघालय के मुख्यमंत्री कानराड संगमा अहम रहे। ईवीएम से सुबह सात बजे से लेकर शाम चार बजे तक मतदान होगा।
पिछले कुछ अरसे से मिजोरम में सिविल सोसाइटी ब्रू आदिवासी मतदाताओं के लिए विरोध प्रदर्शन कर रहीं थीं जिसके चलते चुनाव से महज दो हफ्ते पहले मुख्य चुनाव अधिकारी एसबी शशांक को हटाकर उनकी जगह आशीष कुंद्रा को लाया गया।
कुंद्रा का कहना है कि त्रिपुरा के छह राहत शिविरों में मिजोरम से विस्थापित ब्रू आदिवासियों के मतदान का इंतजाम किया गया है। त्रिपुरा से लगे सीमावर्ती मामित जिले के कनमुन गांव में 15 अस्थाई मतदान केंद्र बनाए गए हैं।