एजेंसी, नई दिल्ली (Lok Sabha Speaker Election LIVE Updates)। ओम बिरला को 18वीं लोकसभा का स्पीकर चुन लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ओम बिरला के नाम का प्रस्ताव रखा। वहीं विपक्ष की ओर से के. सुरेश का नाम प्रस्तावित किया गया। इसके बाद ध्वनिमत से ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने का प्रस्ताव पारित हो गया। प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब की अध्यक्षता में यह कार्यवाही पूरी हुई।
बता दें, सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आम सहमति नहीं बनने के बाद चुनाव की नौबत आई थी। पांच दशक बाद यह पहला मौका रहा, जब ध्वनिमत या वोटिंग से स्पीकर का चुनाव हुआ। इससे पहले 1952 और 1976 में लोकसभा अध्यक्ष के लिए मतदान हुआ था।
(सदन की कार्यवाही के दौरान पीएम मोदी और राहुल गांधी। पीछे ओम बिरला व अन्य नेता नजर आ रहे हैं।)
ओम बिरला के स्पीकर चुने जाने के बाद राहुल गांधी ने कहा, हमें विश्वास है कि विपक्ष को बोलने की अनुमति देकर, हमें भारत के लोगों का प्रतिनिधित्व करने की अनुमति देकर, आप भारत के संविधान की रक्षा करने का अपना कर्तव्य निभाएंगे। मैं एक बार फिर आपको और सदन के सभी सदस्यों को बधाई देना चाहता हूं।
वहीं अखिलेश यादव ने कहा कि आप जिस पद पर हैं, उससे गौरवशाली परंपराएं जुड़ी हैं। हमारा मानना है कि यह बिना किसी भेदभाव के जारी रहेगा और आप हर सदस्य और दल को समान अवसर और सम्मान देंगे। सदन को आपके इशारों पर चलना चाहिए, न कि इसके विपरीत।
अखिलेश यादव ने आगे कहा, मैं नई सदन में पहली बार आया हूं। मुझे लगा कि मेरे स्पीकर की कुर्सी ज्यादा ऊंची हो गई है। आपके कुर्सी के पीछे पत्थर तो सही लगे हैं, लेकिन सीमेंट अभी भी नजर आ रहा है।
लोकसभा में एनडीए के पास पर्याप्त संख्या बल है। इस तरह एनडीए प्रत्याशी ओम बिरला का रिकॉर्ड दूसरी बार स्पीकर चुना जाना तय था।
विपक्ष के 7 सांसद ऐसे थे, जिनका बुधवार की कार्यवाही शुरू होने तक शपथ ग्रहण नहीं हुआ था। इनमें से एक सदस्य ने बुधवार को शपथ ली। यदि वोटिंग की नौबत आती, तो वे सदस्य मतदान में हिस्सा नहीं ले पाते, जिन्होंने शपथ नहीं ली है।
जिन 7 सांसदों का शपथ ग्रहण (बुधवार से पहले तक) नहीं हुआ था, उनमें शामिल थे - शशि थरूर (कांग्रेस), शत्रुघ्न सिन्हा (टीएमसी), दीपक अधिकारी (टीएमसी), नुरुल इस्लाम (टीएमसी), अफजल अंसारी (सपा) व दो निर्दलीय।
इससे पहले लोकसभा स्पीकर और डिप्टी स्पीकर को लेकर मंगलवार दिनभर बयानबाजी होती रही। पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सामने आए और कहा कि विपक्ष स्पीकर के लिए सरकार का समर्थन करने को तैयार है, लेकिन इसके बदले में डिप्टी स्पीकर पद दिया जाना चाहिए, जैसा कि परंपरा रही है।
आरोप लगाया गया कि स्पीकर के लिए सरकार ने विपक्ष का समर्थन तो मांगा, लेकिन डिप्टी स्पीकर पर कोई वादा नहीं किया। एक तरह से सरकार स्पीकर और डिप्टी स्पीकर, दोनों ही पद अपने पास रखना चाहती है। इसी कारण विपक्ष ने स्पीकर के लिए भी अपना उम्मीदवार उतारा।
इससे पहले खबर आई कि के. सुरेश को INDI गठबंधन की ओर से लोकसभा अध्यक्ष प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर टीएमसी खुश नहीं है। ममता बनर्जी की पार्टी का कहना है कि इस बारे में उसकी सलाह नहीं ली गई। ममता बनर्जी ने पूरे मामले में अपना रुख अब तक साफ नहीं किया है।