कुशीनगर। कुशीनगर के बैरागीपट्टी गांव में मस्जिद में हुए विस्फोट के मास्टर माइंड हाजी कुतुबुद्दीन को पुलिस ने गोरखपुर से गिरफ्तार कर लिया है। मस्जिद में विस्फोट के 66 घंटे बाद मास्टर माइंड हाजी कुतुबुद्दीन पुलिस के हत्थे चढ़ा है। कुतुबुद्दीन ने विस्फोट से जुड़े कुछ ऐसे राज उगले हैं, जिसने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है। अब सुरक्षा एजेंसियां माले की तह तक पहुंच आगे की कड़ी जोड़ने में जुट गई हैं। विस्फोट की घटना के तार आतंकियों से जुड़े होने के संकेत मिले हैं। हालांकि पुलिस अफसर अभी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। आइजी रेंज गोरखपुर जय नारायण सिंह ने भी मस्जिद में हुए विस्फोट के तार राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त संगठनों से जुड़े होने का अंदेशा जताया है। उन्होंने कहा, विस्फोट मामले का जल्द ही पर्दाफाश हो जाएगा। आरोपी कुतुबुद्दीन से पूछताछ के लिए एटीएस लखनऊ की टीम डिप्टी एसपी दिनेश सिंह और आईबी वाराणसी की टीम पवन यादव के नेतृत्व में कुशीनगर पहुंच गई है। पुलिस शुक्रवार को मस्जिद में हुए विस्फोट की घटना का पर्दाफाश करेगी।
मस्जिद में हुए विस्फोट की घटना के मूल में कुतुबुद्दीन तथा उसके पोते अशफाक आलम की भूमिका सामने आई है। घटना वाली रात ही दोनों गांव छोड़कर फरार हो गए थे। पूछताछ के दौरान सुरक्षा एजेंसियों को मस्जिद के मौलाना अजीमुद्दीन ने कुतुबुद्दीन को मास्टर माइंड बताया था। कुतुबुद्दीन की तलाश में जुटी पुलिस व सुरक्षा एजेसियां उसके संभावित छिपने के स्थानों पर दबिश देती रहीं लेकिन वह हाथ नहीं आया। बुधवार दोपहर बाद जैसे ही उसकी लोकेशन गोरखपुर में मिली पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर लिया।
मस्जिद में एक थैले में हुआ था विस्फोट
11 नवंबर को दोपहर बाद कुशीनगर की एक मस्जिद में विस्फोट हुआ था। धमाका इतना जोरदार था कि मस्जिद की खिड़की दरवाजे टूट गए थे और छत में दरारें पड़ गईं थीं। पूछताछ में मस्जिद के मौलाना ने सुरक्षा एजेंसियों को बताया था कि मस्जिद में बारूद पीडब्लूडी से सेवानिवृत्त कर्मचारी हाजी कुतुबुद्दीन ने गांव के ही इजहार, आशिक, जावेद व मुन्नाा से रखवाया था। पुलिस ने विस्फोट के मामले में मौलाना अजीमुद्दीन उर्फ अजीम निवासी बंगाल, हाजी कुतुबुद्दीन, अशफाक आलम, इजहार अंसारी, आशिक अंसारी, जावेद अंसारी, मुन्नाा उर्फ सलाउद्दीन अंसारी निवासी बैरागीपट्टी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। सोमवार रात को मौलाना अजीमुद्दीन, इजहार अंसारी, आशिक अंसारी व जावेद अंसारी को गिरफ्तार कर लिया गया था। जबकि कुतुबुद्दीन व उसका पोता घटना के बाद से फरार हो गए थे।