बेंगलुरु। कर्नाटक में गठबंधन सरकार की दरार दिनो दिन चौड़ी होती जा रही है। सत्ता के लिए साथ आए दोनो दल एक-दूसरे पर 'गठबंधन धर्म' का पालन नहीं करने का आरोप लगा रहे हैं। जदएस के प्रदेश अध्यक्ष एएस विश्वनाथ और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता सिद्दरमैया के बीच तू-तू मैं-मैं की स्थिति पैदा हो गई है।
दरअसल, विवाद उस वक्त शुरू हुआ जब कांग्रेस में सिद्दरमैया को मुख्यमंत्री बनाने की मांग उठी। विश्वनाथ ने इस मांग को 'चमचागीरी' करार देते हुए प्रशासक के रूप में सिद्दरमैया की काबिलियत पर ही सवाल उठा दिया। विश्वनाथ ने रविवार को कहा, कि आखिर सिद्दरमैया के शासन में ऐसा क्या खास था, क्या उनका शासन देवराज उर्स के शासन से भी अच्छा था? लोग तीस साल बाद भी देवराज उर्स को याद करते हैं। उनके शासन (सिद्दरमैया) में ऐसा क्या महान काम हुआ जो दशकों तक वह याद रहेगा? कुछ नहीं हुआ।
विश्वनाथ के इस बयान के बाद सिद्दरमैया ने सोमवार को ट्वीट के जरिए अपनी नाराजगी का इजहार किया और कहा कि मैं समन्वय समिति की बैठक में विश्वनाथ के बयान को रखूंगा। इससे पहले जीटी देवगौड़ा (उच्च शिक्षा मंत्री) और अब विश्वनाथ। अगला कौन ऐसा करेगा नहीं पता? अच्छा होगा अगर जदएस के वरिष्ठ नेता इसका संज्ञान लें। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वनाथ अपने शातिर बयानों के लिए कुख्यात हैं। भगवान उन्हें बुद्धि दें।
सिद्दरमैया के ट्वीट पर सोमवार को प्रतिक्रिया देते हुए विश्वनाथ ने समन्वय समिति के अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यों को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि समन्वय समिति के अध्यक्ष के रूप में सिद्दरमैया ने आज तक किया क्या है? उन्होंने समन्वय समिति में यह क्यों नहीं कहा कि वह मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। वह अध्यक्ष हैं, उन्हें किसने रोका था। विश्वनाथ ने यहां तक कह दिया कि सिद्दरमैया के मुख्यमंत्री बनने का चांस 2022 में ही है उसके पहले नहीं।
भाजपा ने गठबंधन पर साधा निशाना
सत्तारूढ़ गठबंधन के नेताओं की इस तकरार पर भाजपा ने निशाना साधा है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीएस येद्दयुरप्पा ने कहा कि यह विश्वनाथ का बयान नहीं, बल्कि वह है जो कुमारस्वामी उनके जरिये कहना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान इस तरह के बयान से साफ है कि दोनों दल भले ही साथ चुनाव लड़ रहे हैं उनके जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के बीच दुश्मनी बनी हुई है।
चुनाव बाद भाजपा विधायक कांग्रेस में आएंगे वहीं, कांग्रेस के कर्नाटक मामलों के प्रभारी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोमवार को दावा किया कि लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा के कई विधायक कांग्रेस में शामिल होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि 23 मई के बाद केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनेगी। फिर भाजपा किस तरह से कर्नाटक सरकार को अस्थिर करेगी। इससे पहले कर्नाटक के मंत्री और कांग्रेस नेता बीजेड जमीर अहमद खान ने भी कहा था कि भाजपा के 10 विधायक उनकी पार्टी के संपर्क में हैं।