Kripalu Ji Maharaj: जगद्गुरु कृपालु महाराज की बेटियों की कार का एक्सीडेंट… बड़ी बेटी का निधन, दो अन्य गंभीर
जगद्गुरु कृपालु महाराज भक्तिधाम मनगढ़ कुंडा और प्रेम मंदिर वृंदावन के संस्थापक थे। उनके देवलोकगमन के बाद यहां का पूरा कामकाज बेटियां ही संभालती हैं। हादसा रविवार को सुबह करीब आठ बजे यमुना एक्सप्रेस वे पर नोएडा के पास हुआ।
By Arvind Dubey
Publish Date: Sun, 24 Nov 2024 11:10:52 AM (IST)
Updated Date: Sun, 24 Nov 2024 11:32:27 AM (IST)
तीनों बेटियों के साथ जगद्गुरु कृपालु महाराज (फोटो सौजन्य kripalu.pl) ब्यूरो, नोएडा (Jagadguru Kripaluji Maharaj)। भक्ति धाम मनगढ़ कुंडा व प्रेम मंदिर वृंदावन के संस्थापक जगद्गुरु कृपालु महाराज की बेटियों की कार का रविवार सुबह यमुना एक्सप्रेस वे पर भीषण एक्सीडेंट हो गया। तीनों बेटियां सिंगापुर जाने के लिए जेवर एयरपोर्ट जा रही थीं। तभी उनकी कार डंपर से टकरा गई।
हादसे में कृपालु जी की बड़ी बेटी 65 वर्षीय डॉ. विशाखा त्रिपाठी का निधन हो गया। दो छोटी बेटियाें, डॉ. श्यामा त्रिपाठी और डॉ. कृष्णा त्रिपाठी की हालत गंभीर है। उन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। तीनों बहनें सिंगापुर जाने के लिए फ्लाइट पकड़ने को एयरपोर्ट जा रहीं थीं।
जानिए कृपालु जी की तीनों बेटियों के बारे में
- डाॅ. विशाखा त्रिपाठी जगद्गुरु कृपालु परिषद (कृपालु धाम, मानगढ़) की अध्यक्ष थीं। वे परिषद जगद्गुरु कृपालु परिषद शिक्षा और जगद्गुरु कृपालु चिकित्सालय का काम भी देखती थीं। भक्तों उन्हें प्यार से बड़ी दीदी कहते थे। उनका जन्म 1949 में कुंडा के पास एक छोटे से शहर लीलापुर में हुआ था। पेंटिंग में विशेषज्ञता के साथ उनके पास कला में मास्टर डिग्री थी। उनके निधन की खबर फैलते ही कृपालु जी के भक्तों में दुख की लहर फैल गई।
- वहीं, दूसरी बेटी डॉ. श्यामा त्रिपाठी जगद्गुरु कृपालु परिषत् (श्यामा श्याम धाम, वृंदावन) की अध्यक्ष हैं। प्यार से भक्त उन्हें मंझली दीदी बुलाते हैं। उनका जन्म राधाष्टमी से एक दिन पहले वर्ष 1954 में मानगढ़ में हुआ था। उन्होंने संस्कृत में अपनी पीएचडी पूरी की, जिसके बाद उन्होंने अपने पिता जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज के मार्गदर्शन में वेदों का अध्ययन किया है।
- इसी तरह तीसरी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी जी जगद्गुरु कृपालु परिषद (रंगीली महल, बरसाना) की अध्यक्ष हैं। भक्त उन्हें प्यार से छोटी दीदी पुकारते हैं। उनका जन्म 1957 में मानगढ़ के पास प्रयागराज में हुआ था। वह आध्यात्मिक ग्रंथों की एक प्रख्यात विद्वान हैं और उन्होंने संस्कृत में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है।
एक दिन पहले ही 14 हजार लोगों को बांटी सामग्री
एक दिन पहले यानी 23 नवंबर को जगद्गुरु कृपालु परिषद ने ब्रज क्षेत्र के गरीब संतों और निराश्रित विधवाओं को आवश्यक सहायता प्रदान करते हुए एक भव्य वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया था। तीनों बहनें इस कार्यक्रम में मौजूद थीं।
इस कार्यक्रम में 14,000 जरूरतमंदों को जीवन-रक्षक वस्तुएं प्रदान की गईं। ये वितरण कार्यक्रम प्रेम मंदिर, वृन्दावन और कीर्ति मंदिर, बरसाना में आयोजित किए गए।
मुख्य कार्यक्रम प्रेम मंदिर में हुआ जहां 5,000 गरीब साधुओं और 4,000 निराश्रित विधवाओं को राहत सामग्री का वितरण किया गया।
इस दौरान बैग, धोती-कुर्ता के दो सेट, पटका, बेडशीट, तौलिए, जैकेट, शॉल, चटाई, डोलू, लोटा और साबुन सहित आवश्यक वस्तुएं प्रदान की गईं। निराश्रित विधवाओं को दो सेट कपड़े, शॉल, कोट, तौलिये, बेडशीट, डोलू, टब, टॉर्च और साबुन दिया गया।