नैनीताल। चंद्रमा के सफल अभियान के बाद इसरो अब सूरज के करीब पहुंचने की तैयारी में है। बुधवार शाम चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लैडिंग के साथ ही इसरो के चीफ एस सोमनाथ ने अपने अगले मिशन का खुलासा कर दिया। उन्होंने बताया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का लक्ष्य अब आदित्य एल-वन मिशन को अंजाम तक पहुंचाना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चंद्रयान-3 की सफलता पर विज्ञानियों व देशवासियों को बधाई देते हुए कहा था कि जल्द ही इसरो सूर्य के विस्तृत अध्ययन के लिए आदित्य एल-वन मिशन लांच करने जा रहा है।
#WATCH | The PM congratulated all of us and said that he would like to personally come down and congratulate each one of us. ISRO's next mission is Aditya L-1 mission which is getting ready at Sriharikota: ISRO chief S Somanath on Chandrayaan-3 success pic.twitter.com/pWtaHG7wu9
— ANI (@ANI) August 23, 2023
माना जा रहा है कि इसरो जल्द ही आदित्य एल-वन की लांचिंग तिथि की घोषणा कर सकता है। आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के निदेशक व आदित्य एल-वन मिशन आउटरीच कमेटी के सह अध्यक्ष प्रो. दीपांकर बनर्जी ने बताया कि भारत आदित्य एल-वन मिशन के जरिए अंतरिक्ष में लंबी छलांग लगाने को तैयार है। उम्मीद है कि सितंबर प्रथम सप्ताह में यह मिशन लांच कर दिया जाएगा। इसरो पेलोड समेत सभी उपकरण तैयार कर चुका है। प्रारंभिक कंपन परीक्षण पूरा हो चुका है। वहीं ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के एकीकरण का कार्य लगभग अंतिम चरण पर है। आदित्य को अंतरिक्ष में "लैग्रेंज पाइंट्स" यानी एल-1 कक्षा में स्थापित किया जाएगा। इसके जरिये सूर्य पर होने वाली गतिविधियों का 24 घंटे अध्ययन किया जा सकेगा।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसरो की यह परियोजना बेहद महत्वपूर्ण है। इस पर करीब एक दशक से कार्य चल रहा है। अब चंद्रयान-3 की सफलता ने इस मिशन की राह और आसान कर दी है। आदित्य-एल-वन मिशन का महत्वपूर्ण कार्य सीएमई यानी सूर्य से पृथ्वी की ओर आने वाले सौर तूफानों का निरीक्षण करना और मल्टी वेव लेंथ में सौर पवन की उत्पत्ति का अध्ययन करना है। यह रिमोट-सेंसिंग और इन-सीटू(प्रत्यक्ष) दोनों उपकरणों के जरिए सौर हवा की उत्पत्ति, सौर फ्लेयर्स, सौर तूफान, सीएमई के विकास और मौसम पर उनके प्रभाव का अध्ययन करने में सक्षम होगा। अभी तक सिर्फ अमेरिका, जर्मनी व यूरोपीय स्पेस एजेंसी ही सूर्य से जुड़े ऐसे मिशन में कामयाब हुए हैं।